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Video: उद्योगपतियों पर नहीं चला रमन मैजिक, क्या संकट से उबरेंगे जिले के 425 उद्योग, पढि़ए CG बजट समीक्षा 2018

बीमार उद्योगों को संजीवनी मिलने की उम्मीद उद्योगपति कर रहे हैं। हालांकि जैसी अपेक्षा बजट से उद्योगपति कर रहे थे, वैसा मिला नहीं।

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भिलाई

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Dakshi Sahu

Feb 11, 2018

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भिलाई. राज्य के बजट से जिले के उद्यमी कुछ राहत महसूस कर रहे हैं। उनके मुताबिक ब्याज और पंूजी अनुदान से मंदी से गुजर रहे उद्योगों को संकट से उबरने में कुछ मदद मिलेगी। इंडस्ट्री का शुरुआती दौर बहुत कठिन होता है। इसके लिए स्टार्ट अप योजना में 5 करोड़ का प्रावधन रखा गया है, इससे युवा उद्यमी प्रोत्साहित होंगे, लेकिन यह नाकाफी है। जिले में औद्योगिक विकास को बढ़ावा और बीमार उद्योगों को संजीवनी मिलने की उम्मीद उद्योगपति कर रहे हैं। हालांकि जैसी अपेक्षा बजट से उद्योगपति कर रहे थे, वैसा मिला नहीं।

औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचनात्मक उन्नयन कार्य के लिए 7 करोड़ 44 लाख तथा 26 औद्योगिक केन्द्रों के उन्नयन कार्यों के लिये 10 करोड़ का प्रावधान है। इससे दुर्ग के बोरई तथा भिलाई में हथखोज औद्योगिक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा। रोड कनेक्टिविटी एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं में विस्तार का फायदा स्थानीय उद्योगों को मिलेगा। इंजीनियरिंग पार्क में प्रस्तावित 250 उद्योगों के स्थापना कार्य में अब गति आएगी। उद्योग बढ़ेंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यानी क्षेत्र में बड़ी सामाजिक आर्थिक तब्दीली देखने का मिलेगा।

उद्यमियों को प्रोत्साहित करने ब्याज अनुदान के लिए 38 करोड़, औद्योगिक इकाइयों को लागत पंूजी अनुदान के लिए 105 करोड,़ तथा स्टार्ट अप छत्तीसगढ़ योजना में 5 करोड़ का प्रावधान है। इससे जिले के लगभग 450 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम व सहायक उद्योगों को फायदा मिलेगा। मंदी की मार झेल रहे उद्योगों को इससे राहत मिलेगी। कें द्र सरकार की घोषणा के बाद प्रदेश की बजट में भी धान के समर्थन मूल्य को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद की जा रही थी। माना जा रहा था कि केंद्र की कुल लागत में 50 फीसदी बढ़ोतरी के साथ प्रदेश स्तर पर 5 अथवा 10 फीसदी जोड़कर समर्थन मूल्य की घोषणा की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मौैजूदा बजट से किसानों को झटका लगा है। किसानों को समर्थन मूल्य के मामले में केंद्र सरकार के रहम पर छोड़ दिया गया है। बजट में कृषि के लिए 13 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रावधान के बाद भी जिले के खाते में कुछ खास नहीं आया। जबकि बड़ी सिंचाई परियोजना के साथ किसानों को सीधे लाभ वाले प्रावधानों की उम्मीद की जा रही थी। सरप्लस के बाद भी जिले में केवल 14000 किसानों के पम्पों तक बिजली पहुंच पाया है। वहीं केवल 400 किसान सौर ऊर्जा से खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। इससे पारंपरिक सिंचाई व्यवस्था पर किसान आश्रित हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. रमनिसंह ने बजट में सिंचाई व्यवस्था में सुधार पर ज्यादा फोकस किया गया है। कृषक ज्योति योजना में 2997 करोड़ के प्रावधान और 51 हजार नए सौर उर्जा पम्प कनेक्शन से किसानों को फायदा होगा। सस्ती दर पर बिजली मिलने से सिंचाई जलाशयों पर निर्भरता घटेगी। बजट में कृषि स्नातकों को नौकरी अथवा पलायन के बजाए कृषि कार्य से जोडऩे चलो गांव की ओर अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 1 करोड़ खर्च कर युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा।

बजट में प्रदेश में 6 नए कृषि महाविद्यालय की घोषणा की गई है। जिले में एक भी शासकीय कृषि महाविद्यालय नहीं है। आधा दर्जन से ज्यादा निजी कृषि महाविद्यालय जरूर चल रहे हैं। उम्मीद है एक शासकीय कृषि महाविद्यालय जिले के हिस्से में आएगा।

प्रदेश में 129 पूर्व माध्यमिक शाला का हाईस्कूल में उन्नयन होना है। हमारे जिले के 8 मिडिल स्कूल हाईस्कूल में तब्दील होंगे। इसी तरह प्रदेश में 130 हाई स्कूल को हायर सेकंडरी स्कूल बदलने को मंजूरी मिली है। इसमें जिले के 4 स्कूल हाई से हायर सेंकडरी में बदलेंगे।
प्रदेश के 100 हायर सेकंडरी में कृषि संकाय की घोषणा बजट में की गई है। वर्तमान में जिले के 17 स्कूलों में कृषि संकाय है। इस सत्र के लिए 3 स्कूलों को इसका लाभ मिलेगा।
वर्चुवल एजुकेशन में ई शिक्षा और ई विद्या सॉफ्टवेयर की घोषणा की गई है। जिले के 110 हाई और हायर सेकंडरी स्कूल में स्मार्ट क्लासेस संचालित हैं। इस घोषणा से इन स्कूलों को फायदा मिलेगा।
प्रदेश के सरकारी स्कूल और कॉलेजों में छात्राओं को फ्री सेनेटरी नैपकीन देने की घोषणा के बाद हमारे जिले के 68 स्कूलों की छात्राओं को फायदा मिलेगा। वर्तमान में 164 हायर सेकंडरी स्कूल में से 96 में वेंडर मशीन लगी है।

प्रदेश में नए स्कूल भवन के निर्माण के लिए मंजूरी मिली है। फिलहाल जिले से 7 प्राइमरी स्कूल, 5 मिडिल स्कूल, 21 हाईस्कूल और 30 हायर सेकंडरी स्कूल के नए भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। विभाग की मानें तो पूरे प्रस्ताव को मंजूरी मिलना मुश्किल है पर उम्मीद है कि 25 प्रतिशत मांग पूरी हो जाएगी।

रेल परियोजना में यह मिला
प्र देश की महत्वाकांक्षी रावघाट रेल परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है। दल्ली राजहरा से गुदुम और गुदुम से भानुप्रतापपुर तक कुल ३४ किलोमीटर तक की रेल लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अब आगे १० किलोमीटर केंवटी तक रेललाइन बिछाने का कार्य मार्च 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री ने अपने बजट में रेल कार्पोरेशन लिमिटेड स्थापित करने की घोषणा की।

आगामी पांच वर्ष में रेल लाइन रावघाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। दल्लीराजहरा से गुदुम और गुदुम से भानप्रतापपुर तक बिछी रेल लाइन में दो बार ट्रायल भी हो चुका है। पशु चिकित्सालय एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा में आधारभूत बुनियादी सुविधाओं में विस्तार के लिए एक करोड़ रुपए देने की घोषणा बजट में राज्य सरकार ने की है। इससे वेटरनरी कॉलेज की सीट में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में कॅरियर की संभावनाएं तलाश रहे युवकों को इससे फायदा होगा। वहीं कॉलेज में सुविधाएं बढऩे से क्षेत्र के पशुपालकों को भी इससे लाभ मिलेगा।

नवीन मुख्यमंत्री कौशल योजना जिसमें स्किल्ड युवाओं का चयन का व्यवसाय के लिए ऋण सहायता में अनुदान दिया जाएगा। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर ख्ुालेंगे। केके झा, संरक्षक बीएसपी एंसीलरी एसोसिएशन ने बताया कि पहले मंदी, फिर नोटबंदी और बाद में जीएसटी की मार से उद्योगों का की कमर टूट चुकी है।

इस बजट से सरकार से काफी उम्मीदें थी कि उद्योगों को कुछ राहत देगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ब्याज और केपिटल सब्सिडी में जो राशि प्रावधानित किए गए हैं, वह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। स्टार्ट अप की बात करने वाली सरकार नए उद्यमियों को आकर्षिक करने के लिए भी कुछ नहीं किया है। उद्योग जगत के लिए यह बेहद निराशाजनक बजट है।