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फ्रॉड से बचने IIT ने बनाया खास डिवाइस, अब डिजिटल लेनदेन को मिलेगी सुरक्षा, जानिए कैसे…

IIT Bhilai: आए दिन हो रहे डिजिटल फ्रॉड से लोगों को बचाने में आईआईटी भिलाई का विशेष इनोवेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यहां प्रोफेसरों ने एक ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया है जो यूपीआई, नेट बैंकिंग और ई-कॉमर्स लेन-देन को सुरक्षित कर सकता है।

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Bhilai News: आए दिन हो रहे डिजिटल फ्रॉड (Digital fraud) से लोगों को बचाने में आईआईटी भिलाई का विशेष इनोवेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। (Bank Account safety device) यहां प्रोफेसरों ने एक ऐसा प्रोडक्ट तैयार किया है जो यूपीआई, नेट बैंकिंग और ई-कॉमर्स लेन-देन को सुरक्षित कर सकता है। (IIT Bhilai) पहले चरण में आईआईटी भिलाई ने एक विशेष कनेक्टिंग डिवाइस बनाई है, जिसके कनेक्ट होने के बाद ही बैंकिंग और ई-कॉमर्स के पेमेंट कर पाएंगे। मोबाइल या लैपटॉप में इसे कनेक्ट किए बिना कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं होगा। (Save account by device) ओटीपी के जरिए कैश उड़ाने वाले भी इसकी प्रोटेक्शन को भेद नहीं पाएंगे। आईआईटी जल्द ही खास तरह के ऐप और प्रोटेक्शन डिवाइस पर रिसर्च कर रही है।

हाल के कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें घरों में बच्चों ने माता-पिता के सेव्ड बैंकिंग पासवर्ड का इस्तेमाल कर बिना इजाजत बड़े लेनदेन कर लिए। इसी तरह पैरेंट्स की मंजूरी के बिना ई-कॉमर्स वेबसाइट से ऑर्डर किया। इसी तरह आए दिन कोई न कोई ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है।

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आईआईटी भिलाई के स्टार्टअप ने इस प्रोजेक्ट में काम किया है। यह डिवाइस जल्द ही बाजार में उतारेंगे। यह कॉरपोरेट से लेकर घरों में पैरेंट्स और युवा तक सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा।

घरों में बच्चे, ऑफिस में सहकर्मी और दोस्त आपके मोबाइल व लैपटॉप का इस्तेमाल करते ही होंगे। ऐसे में हर वक्त डर रहता है कि सेव पासवर्ड का इस्तेमाल कर कहीं वे कोई बैंकिंग या ई-कॉमर्स लेनदेन न कर लें। आईआईटी की फैकल्टी और स्टूडेंट्स ने विशेष डोंगल तैयार किया है। इसकी मदद से बैंकिंग लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाया जा सकेगा। विशेष डाेंगल लगने पर ही ट्रांजेक्शन होगा।

आईआईटी प्रबंधन ने बताया कि डिवाइस को कंप्यूटर के साथ कनेक्ट करने पर सबसे पहले उन वेबसाइट को कॉन्फिगर करना होता है, जिसका एक्सेस आप दूसरों को नहीं देना चाहते। इसके बाद यह ऑटोमोड में एक्टिवेट हो जाएगा। आपका मोबाइल और पर्सनल कंप्यूटर इसके साथ लिंक होगा। मोबाइल में फूड डिलीवरी ऐप से लेकर कोई भी ईकॉम वेबसाइट और बैंक के ऑफिशियल ई-बैंकिंग सर्विसेज सभी के लिए यह डिवाइस ट्रीपल लेयर सिक्योरिटी की तरह काम करेगा। भेजे गए ओटीपी से लेकर थर्ड पार्टी मैसेज सबकुछ वेरीफाई और फिल्टर होकर ही दिखाई देंगे।

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