पंडित अशोक व्यास ने बताया कि मांगलिक कार्यों के लिए सूर्यदेव का उच्च राशि में होना जरूरी होता है। जुलाई में देवशयनी एकादशी से पहले 12 सावे हैं। मई में 23, 24, 27 और 28 तथा जून में 1, 2, 3, 4, 5,7 और 8 जून श्रेष्ठ दिवस हैं।
आषाढ़ में नहीं विवाह गुरु तारा अस्त होने के कारण इस बार आषाढ़ में शादियां नहीं हैं। भड़ल्या नवमी पर अबूझ सावे का मुहूर्त भी नहीं है। हालांकि इस दिन भी मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।