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भीलवाड़ा में 50 करोड़ के स्कैम का खुलासा, 35 करदाताओं ने बोगस रिटर्न स्वीकारा

- टैक्स-जीएसटी सलाहकार के कार्यालयों पर रिकॉर्ड को खंगाला गया - मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की डमी राजनीतिक पार्टियों को बोगस दे रहे थे चंदा

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50 crore scam exposed in Bhilwara, 35 taxpayers accepted bogus returns

50 crore scam exposed in Bhilwara, 35 taxpayers accepted bogus returns

आयकर विभाग अजमेर की टीम ने भीलवाड़ा में टैक्स भुगतान में बोगस क्लेम के 50 करोड़ रुपए से अधिक के स्कैम का खुलासा किया है। बड़ी संख्या में टैक्सपेयर आयकर विभाग के रडार पर हैं। 35 जनों ने अपने बयान में बोगस रिटर्न भरने की बात स्वीकारी है। यह सभी महाराष्ट्र के औरंगाबाद एवं मध्यप्रदेश की डमी राजनीतिक पार्टियों को फर्जी तरीके से चंदा देकर पुन: राशि प्राप्त कर रहे थे। इनकी रसीदें भी भीलवाड़ा में छपवाने की बात सामने आई है। इस स्कैम में टैक्स प्रोफेशनल व कमीशन एजेंट भी शामिल हैं। अजमेर से आए 36 से अधिक अधिकारियों ने भीलवाड़ा शहर के छह स्थानों पर रेकॉर्ड की जांच की। इसमें करोड़ों रुपए के फर्जी एंट्री के दस्तावेज मिले हैं जिन्हें जांचने के लिए अधिकारी अपने साथ ले गए।

बता दें कि, आयकर विभाग ने सोमवार को भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ व बिजयनगर में 8 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। टीम ने यह कार्रवाई टीडीएस में फर्जी रिटर्न दाखिल करने व कमीशन लेने वाले सीए और इस कारोबार से जुड़े लोगों के ठिकानों पर की। इन पर राजनीतिक दलों को बोगस चंदा देने व गलत तरीके से टीडीएस उठाने का आरोप है।

दिनभर खंगालते रहे रिकाॅर्ड

आयकर विभाग अजमेर के सहायक निदेशक अन्वेषण (जांच) ललितेश कुमार मीणा के निर्देशन में सूचना केंद्र चौराहा, इंद्रा मार्केट, तिलक नगर बगता बाबा के पास, पुराना आरटीओ रोड, पुर रोड, आजाद चौक में छापामार कार्रवाई की। इसमें 50 करोड़ के स्कैम का खुलासा हुआ। टीम में शामिल अधिकारी सीए के कार्यालय व घर पर छानबीन कर उनके रिकॉर्ड देखें हैं। इसमें आईटीआर तैयार करने वाले कुछ सीए और मीडिएटर संस्थानों, डमी राजनीतिक पार्टी के संगठित रैकेट का पर्दाफाश भी हुआ है।

बोगस एंट्री का गढ़ बना भीलवाड़ा

स्कैम योजनाबद्ध तरीके से हो रहा था कि सीए की मदद से कई आयकर दाताओं ने बिना चंदा दिए सिर्फ दस्तावेजों में बोगस एंट्री कर टैक्स में छूट प्राप्त की और क्लेम उठा लिए। एमपी व औरंगाबाद की कई डमी राजनीतिक पार्टी हैं, जिन्होंने चुनाव आयोग में पंजीकृत करवाया है, लेकिन उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा और न ही सक्रिय राजनीति में हैं। भीलवाड़ा के 15-20 मीडिएटर्स के माध्यम से डमी राजनीतिक पार्टी चिह्नित हुई हैं, जो दान प्राप्त कर उसका कमीशन रखकर दान की बची राशि आयकर दाता को नकद वापस लौटा रही थीं।

इस तरह निकाला रास्ता

सेक्शन 80 जीजीसी के तहत कोई भी नागरिक या कंपनी जो किसी राजनीतिक पार्टी को चंदा देता है, उसे दान की पूरी राशि की टैक्स में छूट मिलती है। बशर्ते यह नकद न हो, लेकिन इस प्रावधान का गलत इस्तेमाल करने के लिए टैक्स प्रोफेशनल फर्जी रसीदें छपवा रहे हैं। बिचौलियों ने राजनीतिक दलों के साथ मिलीभगत कर फर्जी ट्रांजेक्शंस दिखाए है। कुछ जगह नकली चैरिटी रसीदें मिली है। राजनीतिक दलों को चंदा नकद में देने पर रोक है, लेकिन फिर भी कुछ लोग इसे छिपाकर पेश करते हैं, जो कानूनन गलत है।