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भीलवाड़ा के बेटे काेे आईएएस में देशभर में 10वीं व राजस्‍थान में पहली रैंक

अभिषेक सुराणा का भारतीय सिविल सेवा में चयन

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वस्त्रनगरी के बेटे अभिषेक सुराणा(25) का भारतीय सिविल सेवा में चयन हुआ है। यूपीएससी की शुक्रवार को घोषित वरीयता सूची में अभिषेक की 10 वीं व राजस्‍थान में पहली रैंक रही

भीलवाड़ा।

वस्त्रनगरी के बेटे अभिषेक सुराणा(25) का भारतीय सिविल सेवा में चयन हुआ है। यूपीएससी की शुक्रवार को घोषित वरीयता सूची में अभिषेक की 10 वीं व राजस्‍थान में पहली रैंक रही। अभिषेक का इससे पहले आईएफएस और फिर आईपीएस में चयन हो चुका है। वे वर्तमान में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं।

उनके पिता डॉ.अनिल सुराणा राजकीय सेठ मुरलीधर मानसिंहका कन्या महाविद्यालय में प्राध्यापक है, जबकि माता सुनीता सुराणा समाज सेविका है। अभिषेक इससे पहले वर्ष 2017 में ही यूपीएससी में 250 वीं रैक हासिल कर चुके हैं। अभी हैदराबाद में भारतीय पुलिस सेवा वर्ग में प्रशिक्षण ले रहे है। अभिषेक के पिता ने बताया कि वे मृलत: कंवलियास निवासी है। अभिषेक सुराणा ने नई दिल्ली से आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनयरिंग की। साथ ही दो वर्ष तक सिंगापुर में जॉब किया। अभिषेक सुराणा की प्रारंभिक शिक्षा भीलवाड़ा में ही हुई है। अभिषेक का चयन भारतीय वन सेवा में ऑल इंडिया में दूसरे स्थान पर हो चुका है।

हैदराबाद में अभिषेक ने आईपीएस का प्रशिक्षण दिसम्बर 2017 में लेना शुरू किया था, उसे पश्चिम बंगाल का कैडर दिया गया। संघ लोक सेवा आयोग की वन सेवा परीक्षा 2016 में भी वो सफल रहा था, वो उसे मध्यप्रदेश कैडर दिया गया, लेकिन आईपीएस के प्रशिक्षण के चलते उसने वन सेवा की नौकरी को पैडिंग रखा।

अभिषेक के आईएएस में चयन की खबर मिलते ही रमेश चन्द्र व्यास नगर स्थित आवास पर शुक्रवार रात को बधाई देने वालों का तांता लग गया। अभिषेक के पिता-माता का कहना था कि अभिषेक की कड़ी मेहनत का ही नतीजा रहा कि वे लगातार सफलता की मंजिल चढ़ता रहा और उसने जो ठान रखी थी, उसे कर दिखाया।

सवाई माधोपुर से आया पहला फोन

बेटे अभिषेक की दसर्वीं रेंक की खबर सुनते ही सुराणा दम्पती भावुक हो उठा, अभिषेक की मां बताती है कि रात को उनके करीबी रिश्तेदार का सवाईमाधोपुर से फोन आया, उन्होंने अभिषेक की रैंक की जानकारी दी तो उन्हें एकबारगी विश्वास नहीं हुआ, वे तुरन्त बालाजी मंदिर गए और प्रसाद चढ़ाया। इसके बाद घर पहुंचे और टीवी ऑन किया तो बेटे का नाम स्क्रीन पर देख कर उनकी आंख भर आई। वे बताते है कि उन्हें अभिषेक के चयनित होने की उम्मीद थी, लेकिन दसवीं रैंक के लिए नहीं सोचा था।

सुराणा दम्पती बताते है कि अभिषेक के दादा दिवंगत मूलचंद सुराणा जो कि कवंलियास में ही रहते थे उनका सपना था कि उस जमाने में भीलवाड़ा कलक्टर मीठा लाल मेहता की तरह अभिषेक भी कलक्टर बनें और देश व गरीबों की सेवा करें, दादा का सपना आज अभिषेक ने पूरा कर दिखाया, वो जीवित होते तो हमें कही अधिक खुशी होती।