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बैंक में सरकार की हिस्सा राशि नहीं, नोटिस अवैधानिक, महिला अरबन बैंक ने दिया जवाब

महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष पायल अग्रवाल ने निर्वाचित बोर्ड को भंग करने के नोटिस का जवाब दे दिया है

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Bank replied to notice in bhilwara

Bank replied to notice in bhilwara

भीलवाड़ा।

भीलवाड़ा महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष पायल अग्रवाल ने निर्वाचित बोर्ड को भंग करने के सहकारी विभाग के नोटिस का जवाब दे दिया है। इसमें बैंक अध्यक्ष अग्रवाल ने कहा है कि बैंक में सरकार की हिस्सा राशि नहीं है। इसलिए ये नोटिस अवैधानिक है। इसे निरस्त किया जाना चाहिए। वर्तमान बोर्ड अपनी गति से काम कर रहा है। खाताधारकों में अब बैंक के प्रति विश्वास बढ़ा है।

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अग्रवाल ने यह बात अतिरिक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) अजमेर को दिए गए जबाव में कही। बैंक को 7मई को बोर्ड भंग करने का नोटिस मिला था। अतिरिक्त रजिस्ट्रार जीएल गुप्ता ने अगली सुनवाई 8 जून को तय की है। उधर सहकारिता विभाग में स्पेशल ऑडिटर अरविन्द ओझा ने बैंक के सीईओ का कार्यभार ग्रहण कर लिया है।

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अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान बोर्ड ने गत वर्ष21 दिसम्बर को कार्यभार संभाला, तब से ऋण वसूली में लगा है। बैंक में अनियमितताएं पूर्व बोर्ड ने की थी। आरबीआई ने खाताधारकों को एक हजार रुपए निकालने के निर्देश दे रखे है। विभाग ने पहले प्रशासक के साथ 5 मई 2017 को निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह खंगारोत को सीईओ के पद पर अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था। खंगारोत ने एक माह बाद 5 जून को कार्यभार ग्रहण किया।

बोर्ड के चार माह के कार्यकाल में 442.54 लाख की वसूली की है। एसएलआर 1192 लाख के मुकाबले 903.86 लाख हो चुकी है। सीआरआर 251.03 लाख रुपए है। खंगारोत को कार्यमुक्त करने के मामले में अग्रवाल ने बताया कि बोर्ड पूर्णकालिक सीईओ की मांग कर रहा था। ताकि अवधिपार ऋणों की वसूली हो सके। बोर्ड ने 15 मार्च को रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

अग्रवाल ने नोटिस के जवाब में कहा कि खंगारोत ने मौखिक तौर पर कहा कि वे परीक्षा के कारणअब समय नहीं दे सकेंगे। बोर्ड ने बैंक हित में अपना सीईओ नियुक्ति किया। नोटिस में जो अनियमितताएं दर्शाई हैं, वे पूर्व बोर्ड के कार्यकाल की है। इससे पहले कोई पत्र बैंक को नहीं मिला। ऐसे में 7 मई को जारी नोटिस सहकारी अधिनियम की मूल भावना के विरूद्ध है। पूर्वाग्रह से ग्रसित तथा विधि विपरीत है।

बैंक ने विभाग से इनकी मांगी प्रतियां
अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैकिंग) जयपुर का 20 अप्रेल का पत्र।
7 मई से पूर्व अतिरक्त रजिस्ट्रार की ओर से कोई पत्र लिखा तो उसकी प्रति।
आरबीआई द्वारा किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट में वर्तमान बोर्ड के कार्यकाल पर अंसतोष जताने की प्रतिलिपि।