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भीलवाड़ा

bhilwara news : व्रत-पर्वों की शुरुआत: इसी माह दशामाता, गणगौर, शीतला सप्तमी व नवरात्र

शक्तिपीठों व देवालयों में आयोजनों की तैयारी

भीलवाड़ाMar 20, 2025 / 11:13 am

Suresh Jain

Beginning of fasts and festivals: Dashamata, Gangaur, Sheetla Saptami and Navratri in this month

Beginning of fasts and festivals: Dashamata, Gangaur, Sheetla Saptami and Navratri in this month

bhilwara news : मेवाड़ में होलिका दहन के बाद से ही व्रत-पर्व की शुरुआत हो चुकी है। शीतला सप्तमी, अष्टमी, दशामाता पूजन, गणगौर, चैत्र नवरात्रि आदि पर्व भी श्रद्धा के साथ मनाए जाएंगे। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास की अवधि धार्मिक और ज्योतिषीय नजरिए से अहम है। चैत्र मास में होली दहन के बाद से ही कई पर्वों की शुरुआत हो जाती है। इन दिनों घरों व मंदिरों में दशामाता कथा श्रवण के साथ ही विवाहिताओं व कन्याओं ने गणगौर की पूजा शुरू कर दी है।
शीतला सप्तमी 21 को

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शीतला सप्तमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस बार शीतला सप्तमी 21 मार्च को मनाई जाएगी। तड़के ही महिलाएं सज-धज कर मंदिरों व शीतला माता के स्थानकों पर पहुंचकर पूजा-अर्चना करेंगी। महिलाएं पूजन से एक दिन पूर्व कई तरह के पकवान बनाएगी, जिसको अगले दिन ठंडा खाया जाएगा। सप्तमी व अष्टमी के दिन घरों में चूल्हा नहीं जलाने की परम्परा है। मेवाड़ में शीतला सप्तमी पूजन की ही परम्परा है।
दशामाता पूजा 24 को

सोमवार 24 मार्च को दशामाता पर्व मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं पीपल वृक्ष पर कुमकुम, मेहन्दी, लच्छा, सुपारी आदि से पूजा के बाद सूत लपेटती है। घर में सुख-शांति और समृद्धि की कामना से सोना (पीपल की छाल) को घर लाकर तिजोरी में रखेंगी।
गणगौर उत्सव 31 को

फाल्गुन मास की पूर्णिमा से शुरू होकर चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि तक गणगौर पूजन किया जाता है। होलिका दहन के दूसरे दिन से ही 16 दिन के गणगौर पूजन महोत्सव का आगाज हो गया। कई जगह शीतला सप्तमी के दिन और इसके बाद अष्टमी से भी गणगौर पूजन शुरू होगा। 31 मार्च को तीज मनाई जाएगी।
नवमी के दिन पूर्णाहुति

नवसंवत्सर पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन शहर में कई आयोजन होंगे। इसी दिन सिंधी समाज के आराध्य भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव चेटीचंड भी मनाया जाएगा। इसी दिन चैत्र नवरात्र की भी शुरुआत होगी। नवरात्र की अष्टमी 5 अप्रेल और 6 अप्रेल को रामनवमी मनाई जाएगी। उसी दिन नवरात्र पूर्ण होगी। इस बार द्वितीया व तृतीया तिथि साथ होने से गणगौर की पूजा 31 मार्च को की जाएगी। घट स्थापना महूर्त सुबह 8 बजकर 7 मिनट से मध्यान्ह 1 बजकर 7 मिनट तक होगी।

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