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Bhilwara news : एसएमइ विजिलेंस की लापरवाही से बजरी माफिया को मिला न्यायालय से स्थगन

- ढाई माह में नही की कार्रवाई, 15 दिन का दिया था समय - बिजौलिया में रवन्ना में कांट-छांट से बजरी के खेल का मामला - पत्रिका की खबर के बाद खान निदेशालय ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश

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Due to the negligence of SME Vigilance, the gravel mafia got a stay from the court

Due to the negligence of SME Vigilance, the gravel mafia got a stay from the court

Bhilwara news : भीलवाड़ा के अधीक्षण खनिज अभियंता विजिलेंस की लापरवाही से बिजौलिया के बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने से उसे न्यायालय से स्थगन मिल गया है। राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार के बाद विभागीय स्तर पर हुई जांच में सच्चाई सामने आई थी। जांच को सही मानते हुए खान निदेशालय ने 5 फरवरी को एसएमइ विजिलेंस को 15 दिन में कार्रवाई के आदेश दिए थे। लेकिन ढाई माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने से बजरी माफिया राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर से स्थगन ले आए।

बजरी खेल का पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

राजस्थान पत्रिका ने 1 मई 2024 को मिली भगत का खेल...नदी तालाबों की कोख खाली कर रहे बजरी माफिया, 19 जून 2024 को रवन्ना में काट-छांट से किया बजरी का खेल, मामला दर्ज तथा 22 जून 2024 को बजरी का बड़ा खेल-एक रवन्ना, दो वाहन से हो रहा परिवहन शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित के बाद अतिरिक्त खान निदेशक उदयपुर ने एसएमई विजिलेंस भीलवाड़ा अविनाश कुलदीप को मामले में जांच के आदेश दिए। जांच में कई अनियमितताएं सामने आने पर रिपोर्ट निदेशालय भेजी गई। अधीक्षण खनिज अभियंता भीलवा़ड़ा ओपी काबरा ने मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई के लिए अतिरिक्त खान निदेशक दीपक तंवर के समक्ष अपील की। तंवर ने निर्णय सुनाते हुए एसएमई विजिलेंस भीलवाड़ा हरीश गोयल को 15 दिन में बिजौलिया खनिज अभियंता, तत्कालीन लिपिक महेन्द्र कुमार सेन तथा प्रभुलाल धाकड़ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। लेकिन गोयल ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अधीक्षण खनि अभियंता सतर्कता भीलवाडा की ओर से जांच में बजरी माफिया प्रभुलाल धाकड़ की ओर से रवन्नाओ में की गई कइ प्रकार की अनियमितताएं सामने आई थी।

यह दिए थे निर्देश

तंवर ने अधीक्षण खनि अभियन्ता सतर्कता भीलवाडा को निर्देश दिए कि वे उनकी जांच रिपोर्ट एवं न्यायालय के निर्णय के अनुसार दोषी पाए गए तत्कालीन खनि अभियंता व महेन्द्र कुमार सैन के विरूद्ध कठोर कार्यवाही के लिए निदेशालय को 15 दिवस में प्रस्ताव प्रेषित करे। सैन व प्रभुलाल के विरूद्ध अमानत में खयानत का प्रकरण दर्ज करवाने की अनुमति निदेशालय से प्राप्त कर अग्रिम कार्रवाई करें। लेकिन गोयल ने ऐसा नहीं किया।