
Gandhi Sagar pond water will be tested every month, still dirty
Bhilwara news : राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल अब एनजीटी के आदेश पर हर माह शास्त्रीनगर के बड़ला चौराहा स्थित गांधीसागर तालाब के गंदे पानी का नमूना लेकर गुणवत्ता की जांच करेगा। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। दूसरी तरफ तालाब की सफाई पर आठ करोड़ खर्च किए जाने के बावजूद यहां के हाल नहीं सुध सके।
तालाब में चारो तरफ फैली गंदगी
तालाब के चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। किनारे पर प्लास्टिक के थैलियां जमा है। तालाब से जुड़े बंधे पर जलकुंभी फैली हुई है। इसके कारण मवेशी भी उसकी और आकर्षित हो रहे है। जबकि बंधे की कई जगह पर दीवार टूटी है।
तालाब में अब भी आ रहे सात नाले
तालाब में अब भी शास्त्रीनगर समेत अन्य कॉलोनियों के सात नाले मिल रहे है। यह पानी सिवरेज का है। मेन नाला जो शास्त्रीनगर से आ रहा है उसमें ऑयल, ग्रीस, केमिकल समेत अन्य प्रदूषित पानी आकर मिल रहा है। लेकिन उसे रोकने के नगर निगम के पास कोई योजना नहीं है।
सर्विस सेंटर का आ रहा पानी
आजादनगर, ट्रांसपोर्ट नगर, कुंभा सर्कल, पन्नाधाय सर्कल समेत अन्य क्षेत्र में वाहन धोने के लिए लोगों ने अवैध रूप से सर्विस सेंटर खोल रखे है। सेंटरों पर प्रतिदिन ट्रक, ट्रेलर, चौपहिया व दुपहिया वाहनों की धुलाई होती है। इसका गंदा पानी नाले के माध्यम से तालाब में आ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम अपने स्तर पर इनका सर्वे करवा रही है।
फैक्ट फाइल
ऐतिहासिक धरोहर है तालाब
हमारे पुरखों की प्राचीन धरोहर है। पुराने जमाने में इसे तेजाजी का तालाब बोलते थे। यहां धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे। गर्मी के दिनों में लोग नहाने आते थे, लेकिन आज इसकी दशा ठीक नहीं है।
बाबूलाल जाजू, पर्यावरणविद
डीपीआर बना रहे
गंदा पानी को तालाब में जाने से रोकने के लिए नाला बनाया जाएगा। इसकी डीपीआर बनाई जा रही है।
हेमाराम चौधरी, आयुक्त नगर निगम
Published on:
15 Dec 2024 11:07 am
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