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Bhilwara news : भीलवाड़ा में टेक्सटाइल व संतरे को सरकार करेगी प्रमोट

सरकार की पहली वर्षगांठ: पंच गौरव को प्रोत्साहन ब्लॉक स्तर पर 5 को व जिला स्तर पर 6 को होंगे आयोजन

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Government will promote textile and oranges in Bhilwara

Government will promote textile and oranges in Bhilwara

Bhilwara news : राजस्थान में भाजपा सरकार अपनी पहली वर्षगांठ पर सभी जिलों में पंच-गौरव कार्यक्रम करने जा रही है। भीलवाड़ा जिले में एक फसल, एक वनस्पति प्रजाति, एक उत्पाद, एक पर्यटन स्थल, और एक खेल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन पांच तत्वों को उस जिले का पंच-गौरव माना है। इसका मकसद जिले के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। उद्योग, प्रजाति, कृषि, पर्यटन और खेल विभाग नोडल विभाग के तौर पर काम करेंगे। इनका काम, एक जिले में एक उत्पाद को बढ़ावा देना होगा। ब्लॉक एवं जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं कराई जाएगी। ब्लॉक स्तर पर आयोजन 5 दिसंबर को सुबह 9 से 5 बजे तक तथा जिला स्तर पर 6 दिसंबर को सुबह 9 से 5 बजे तक होगा। ब्लॉक स्तर पर प्रत्येक प्रतियोगता में प्रथम प्रतिभागी जिला स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेगा।

यह होगी निबंध प्रतियोगिता

- एक जिला-एक उत्पाद- टेक्सटाइल उत्पाद एवं रेडीमेड गारमेंट

स्थान-महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम, भीमगंज

- एक जिला-एक खेल- बास्केटबॉल

स्थान- राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गुलमण्डी

- एक जिला-एक प्रजाति- नीम

स्थान- राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गांधीनगर

- एक जिला-एक उपज- संतरा

स्थान- महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम

- एक जिला-एक गंतव्य- मांडलगढ़ किला

स्थान- राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय गांधीनगर

टेक्सटाइल उत्पाद एवं रेडीमेड गारमेंट

भीलवाड़ा की पहचान विश्व में टेक्सटाइल सिटी के रूप में है। भीलवाड़ा में टेक्सटाइल की शुरुआत 1938 से हुई। सबसे पहले यहां मेवाड़ मिल की स्थापना हुई। उसके बाद 1962 में लक्ष्मीनिवास झुनझुनवाला ने राजस्थान स्पिनिंग और बुनाई की मिल की स्थापना की थी। वर्तमान में 20 से अधिक स्पिनिंग मिल, 400 से अधिक विविंग उद्योग, 20 से अधिक प्रोसेस हाउस, 150 टीएफओ उद्योग संचालित है। प्रतिवर्ष 120 करोड़ मीटर कपड़ा तैयार होता है। इसमें डेनिम भी शामिल है। सालाना टर्नओवर 25 हजार करोड़ रुपए है। वर्तमान में प्लास्टिक की खाली वेस्ट बोतलों से भी धागा व कपड़ा बनाया जा रहा है।

बास्केटबॉल

बास्केटबॉल में भीलवाड़ा ने अपनी धाक जमाई है। भीलवाड़ा के सुरेन्द्र कटारिया को 1973 में बास्केटबॉल में अर्जुन अवार्ड का खिताब मिला। बास्केटबॉल की दुनिया में भारत के बेहतरीन खिलाड़ी और शूटर की खोज की जाए तो महज एक नाम सामने आता है वह हैं सुरेंद्र कुमार कटारिया। बास्केटबॉल में बेहतरीन प्रदर्शन के साथ कोच के रूप में सेवाएं देने पर उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। देश के लिए कई पदक जीते और उनका जैसा तेज शूटर देश में आज तक नहीं हुआ। राष्ट्रीय टूर्नामेंट में सुरेंद्र कुमार भारतीय रेलवे का प्रतिनिधित्व करते थे और कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया था।

संतरा

छोटे नागपुर के रूप में विख्यात मांडलगढ़ व बीगोद क्षेत्र में बागवानों में नारंगी का उत्पादन हो रहा है। संतरों की पैकिंग कर जयपुर दिल्ली सहित देश भर के कई शहरों में जाते है। यहां के संतरों की मिठास नागपुर के संतरों की तरह होने से लोग काफी पसंद करते है।

मांडलगढ़ किला

भीलवाड़ा से 54 किलोमीटर दूर है। मंडिया भील ने मांडलगढ किले का निर्माण कराया। यह भव्य गढ़ है जिसमें मंदिर है।

प्रजाति- नीम

भीलवाड़ा जिले में कई पार्क में केवल नीम के पेड़ है। नीम के पेड़ से कई फायदे हैं।