बोर्ड ने उत्तर पुस्तिका मथुरा से तैयार करवाई है। वहां से एक सेंटर में परीक्षार्थियों के आधार पर बंडल बनाकर ट्रांसपोर्ट कम्पनी से भीलवाड़ा भेजी। यहां सोमवार रात कॉपियों के 565 बंडल पहुंचे। ट्रांसपोर्ट कम्पनी के मैनेजर विकास गोयल ने 121 स्कूलों के केंद्र प्रभारियों को फोन कर बंडल ले जाने को बुलाया। जिले भर से परीक्षा केंद्र प्रभारी ने शिक्षकों को भीलवाड़ा भेजा। काफी देर की तलाश के बाद ट्रांसपोर्ट कम्पनी मिली, लेकिन वहां कोई बंडल देने वाला नहीं होने पर शिक्षकों को खुद अपने बंडल तलाश कर ले जाने पड़े।
बंडल ढूंढते नजर आए शिक्षक कोटड़ी क्षेत्र के बीरधोल स्कूल के शिक्षक रामेश्वरलाल नायक ने बताया कि उत्तर पुस्तिका के लिए फोन आया था।यहां ट्रांसपोर्ट कम्पनी में कोई व्यवस्था नहीं है। दो घंटे से परीक्षा केंद्र के कोड नंबर के आधार पर बंडल ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन कोई बताने वाला नहीं है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब शिक्षक को ही बंडल को ढूंढ़ना पड़ रहा है। एक शिक्षक ने बताया कि कई शिक्षक पहले दूसरे स्कूल के बंडल ले गए। पता चला तो पुन: यहां आकर अपने बंडल खोजकर ले गए। बंडल स्कूल तक पहुंचाने के लिए साधन नहीं होने से खुद का वाहन लेकर आए हैं। कई शिक्षक बंडल सिर या कंधे पर रखकर ले जाते दिखे।
एक ट्रक आया एक और आएगा नेशनल ट्रांसपोर्ट कम्पनी के मैनेजर विकास गोयल ने बताया कि मथुरा से अभी एक ट्रक आया है। उसमें 565 बंडल 121 स्कूलों के नाम से आए हैं। उनके केंद्र प्रभारी को फोन कर बुलाया है। एक बंडल का किराया 90 रुपए तथा 3 बंडल का किराया 120 रुपए ले रहे हैं। यह राशि शिक्षकों से ले रहे हैं। अभी एक ट्रक और आना है।