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अभी नहीं चेते तो बरसात में भुगतेंगे, विभागों ने नहीं भेजा कंटीजेसी प्लान

जिला प्रशासन ने आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों से कंटीजेंसी प्लान मांग रखा है

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Departments not sent Kantijensi Plan in bhilwara

Departments not sent Kantijensi Plan in bhilwara

भीलवाड़ा।

मानसून आने की तैयारी है। जिला प्रशासन ने आपदा से निपटने के लिए सभी विभागों से कंटीजेंसी प्लान मांग रखा है, लेकिन किसी ने रुचि नहीं ली। एेसे में जब बरसात आएगी और समस्या बढ़ेगी तब सभी चेतेंगे। जल संसाधन विभाग में नियंत्रण कक्ष शुरू हो गया है लेकिन उसमें सुविधाओं की कमी है। अभी भी पुराने सामान से ही आपदा से निपटने की तैयारी है।

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कहने को ट्यूब, रस्से, बेट्रियां, नाव आदि की व्यवस्था हो गई है। लेकिन मौके पर एक भी वस्तु सुरक्षित नहीं है। एेसे में जब बाढ़ जैसी आपदा आएगी तो समस्या आएगी। वहीं चिकित्सा, रसद विभाग व पंचायत समितियों ने भी आपदा से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है। पंपसेटों, रस्सीयों, नांव, गोताखोरों, रेत के कट्टों की व्यवस्था भी पहले करनी है लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया है। यहां तक कि अधिकांश विभागों ने कंटीजेंसी प्लान ही बनाकर नहीं भेजा है।

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फरा-तफरी


जर्जर बांधों की नहीं हुई मरम्मत
जिला कलक्टर ने कार्यभार ग्रहण करते ही आपदा प्रबंधन की तैयारियों की बैठक ली थी। इसमें सभी बांधों का पंद्रह दिन में निरीक्षण कर मरम्मत कराने के निर्देश दिए थे। इसकी पालना अब तक नहीं हुई है। कुछ उपखंड अधिकारी गए जरूर लेकिन काम कुछ नहीं हुआ है।


नालों की नहीं हुई सफाई
जिला कलक्टर ने नगर परिषद से कहा था कि ऐसे नालों की सूची बना लें जो बरसात में जाम होकर बाढ़ का कारण बनते हैं।
बरसात से पूर्व ही नालों की सफाई हो जानी चाहिए।
इसके लिए आरयूआईडीपी, यूआईटी, पीडब्ल्यूडी, नगर परिषद तथा संबंधित उपखण्ड अधिकारी टीम बनाकर कार्य करें। एेसा कुछ भी नहीं हुआ है।

इन विभागों को यह करना है काम

चिकित्सा विभाग: जीवन रक्षक दवाइयों की व्यवस्था करनी है। गांवों में दवाएं है या नहीं इसकी सूची लेनी है।
रसद विभाग

खाद्यान्न का पूरा स्टॉक रखें ताकि किसी भी तरह की आपदा के समय इनकी कमी नहीं पड़े।
सार्वजनिक निर्माण विभाग: सभी जर्जर भवनों का सर्वे कर एेसे भवनों को डिसमेंटर करने की कार्रवाई करनी है। साथ ही रपट वाले क्षेत्रों में साइन बोर्ड लगाने हैं।


जल संसाधन विभाग

बांधों व तालाबों पर सुरक्षा उपकरण रखने हैं। क्षतिग्रस्त है तो उनकी मरम्मत करानी है।