
Eco Park in bhilwara
भीलवाड़ा।
भीषण गर्मी से तपती धरा और सुलगते आसमां के बीच हमीरगढ़ इको पार्क घने वृक्षों से घिरे होने से पर्यटकों को अभी भी शीतलता दे रहा है। बारिश के इंतजार में झुलस चुके वटवृक्ष स्याह होने के बावजूद पथरीली राह पर यहां की वनोषधि के बूते पर्यटकों को खींच रहे है। विश्व पर्यावरण दिवस से पहले यहां देर शाम तक भीड़ बनी रही।
किसी ने टूरिस्ट हट का आनन्द लिया तो किसी ने सनसेट प्वांइट से शहर को निहारा। नील गाय के समूह भी देखे। सांझ ढले मोर व कोयल की स्वरलहरी तथा चिंकारों व खरगोशों की कुलांचों ने पर्यटकों को बांध रखा।
भीलवाड़ा से महज 15 किमी दूर हमीरगढ़ उपखंड मुख्यालय स्थित इको पार्क को विकसित करने की कमान वन विभाग के रेंजर भंवरलाल बारेठ व पार्क प्रभारी देवकिशन दरोगा ने संभाल रखी है।
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जंगली सुअर, हिरण, सेही, जरख, सियार, लोमडी, खरगोश, तीतर, चिंकारा, मोर समेत विभिन्न प्रजाति के वन्य पक्षी व पशु है। इन्हें देखने के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लोगों आते है। ईको पार्क घना वन क्षेत्र होने से यहां बड़े वृक्ष है, विभिन्न प्रजातियों के पेड़ भी यहां है। कुण्डों से निकलने वाला पानी अभी सूखा है लेकिन बारिश में कलकल करता हुआ आंदित करता है। यहां कलात्मक रैलिंग लुभावनी है।
यहां पहाड़ की गोदी में बने मंशा महादेव मंदिर व चामुंडा मंदिर पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते है। यहां ऊंचाई पर सन सेट प्वांइट से शहर व सूर्यास्त का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यहां वॉच टॉवर भी लुभाता है। यहां पर्यटकों के ठहराव के लिए तीन टूरिस्ट हट है। केंटीन सेवा भी सुबह आठ से शाम पांच बजे तक है। इको पार्क में भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट 50 रुपए, विदेशी नागरिक का 300 व विद्यार्थियों के लिए 30 रुपए तय है। वाहनों के लिए भी प्रवेश शुल्क है। पार्क प्रभारी देवकिशन बताते है कि भीषण गर्मी के बावजूद यहां वनक्षेत्र में शीतलता है। ग्रीष्मकालीन अवकाश होने से पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है।
Published on:
05 Jun 2018 12:00 pm
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