भीलवाड़ा . किसी भी संस्थान या स्थान पर आग लगने के बाद भीलवाड़ा नगर परिषद का दमकल मौके पर पहुंच जाए तो संस्थान मालिक खुद को लकी ही समझेगा। हालात इतने खराब है कि खुद परिषद अधिकारी यह प्रार्थना करते हैं कि दमकल वाहन मौके पर पहुंच जाए। असल में नगर परिषद के फायर विभाग के पास कहने को आठ दमकल वाहन है। इनमें चार पूरी तरह खराब है तो चार की हालत भी ठीक नहीं है।
15 साल में केवल एक छोटा वाहन आया
परिषद के अनुसार फायर विभाग में पिछले 15 साल से दमकल वाहन एक भी नया नहीं आया है। जबकि हर बार बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लिए जाते हैं। सरकार से स्वीकृति तक नहीं मिलती है। हालांकि वर्ष 2015 में छोटी गलियों में आग बुझाने के लिए 500 लीटर क्षमता का छोटा वाहन अवश्य खरीदा गया था। जो केवल छोटी आग बुझाने में ही सक्षम है।
खराब पड़े चार वाहन
चार दमकल वाहन पूरी तरह खराब पड़े हैं। इनमें एक का इंजन खराब है। दूसरे को कम्पनी ने ही कंडम घोषित कर रखा है। एक का पम्प काम नहीं करता है। एक वाहन का चेचिस खराब है। अन्य चार वाहन चालू हालत में हैं, लेकिन वे भी ज्यादा दौड़ने की स्थिति में नहीं है। एक वाहन 14 हजार लीटर क्षमता का है तो तीन 5-5 हजार लीटर क्षमता का है। ऐसे में बड़ी आग लगने पर भी इन वाहनों को बार-बार पानी लाने के लिए दौड़ना पड़ता है। दो दिन पूर्व ही आग की घटना होने पर किसी ने परिषद को सूचना दी थी, लेकिन वाहन भेजने को मना कर दिया था। उस समय एक भी वाहन ठीक नहीं था।
हर समय रहता है डर
एक कर्मचारी का कहना है आग की सूचना मिलने पर वाहन को भेजने से पहले सोचना पड़ता है कि वाहन मौके पर पहुंच पाएगा या नहीं। ऐसे में वाहन को रवाना करने के बाद एक कर्मचारी वाहन में सवार अन्य कर्मचारी के सम्पर्क में रहता है कि वाहन कहां पहुंचा है। मौके पर पहुंचने व पुन: लौटने के बाद ही फायर विभाग के अधिकारी राहत की सांस ले पाते हैं। अन्यथा वह हर आधे घंटे में फोन पर वाहन की लोकेशन लेते रहते हैं।
कम से कम 5 बड़े वाहन चाहिए
भीलवाड़ा शहर जिस गति के साथ बढ़ा है तथा जिले का विकास हुआ है। उसके आधार पर नगर परिषद के फायर विभाग नें सभी वाहन नए चाहिए। फिर भी तत्काल प्रभाव से कम से कम पांच नए बड़े वाहनों की आवश्यकता है।
स्टाफ भी केवल चार वाहनों कानगर परिषद में भले ही आठ वाहन है, लेकिन स्टाफ केवल चार वाहन के आधार पर लगा है। वर्तमान में 30 ठेका कर्मचारी, 4 मस्टरोल पर, 15 ठेके का चालक तथा 15 कर्मचारी स्थाई है। इनमें से एक कर्मचारी अगले माह सेवानिवृत होने जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जितना स्टॉफ अभी है, उतना ही स्टाफ 24 घंटे के लिए कम से कम चाहिए। एक अप्रेल 2021 से 31 मार्च 2022 तक 510 आग की घटनाएं हुई थी।
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कई बार प्रस्ताव भेजे
लम्बे समय से बोर्ड बैठक में प्रस्ताव लेकर सरकार को भेजे है, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली है। जनसंख्या के आधार पर कम से कम 5 वाहन की आवश्यकता है। माना जा रहा है अगले डेढ़ माह में भीलवाड़ा को चार वाहन मिल सकते है। इनमें 2 छोटे व 2 बड़े वाहन शामिल है। इनके चेचिस के काम चल रहे हैं।
राकेश पाठक, सभापति नगर परिषद भीलवाड़ा