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बजरी माफिया के आगे सरकार बेबस, ईसी मिले तो लगे अवैध खनन पर अंकुश

भीलवाड़ा में वैध खनन ठप, अवैध बजरी से रोज करोड़ों का खेल

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The government is helpless against the sand mafia.

The government is helpless against the sand mafia.

राज्य सरकार अवैध बजरी खनन रोकने के दावे करती रही है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भीलवाड़ा जिले में बजरी माफिया बेलगाम है और प्रशासन बेबस नजर आ रहा है। बनास नदी क्षेत्र में बजरी के वैध खनन की प्रक्रिया कई महिनों से अटकी होने का सीधा फायदा अवैध खनन करने वालों को मिल रहा है। नतीजा सरकार को राजस्व का भारी नुकसान और शहरों में अवैध बजरी की निर्बाध आपूर्ति।

अब तक 34 प्लॉट नीलाम, लेकिन खनन 5 में

खनिज विभाग भीलवाड़ा जिले में बनास नदी क्षेत्र में 34 बजरी के प्लॉट काटकर उनकी नीलामी कर चुका है, लेकिन पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) नहीं मिलने से ये सभी लीज कागजों में ही सिमट कर रह गईं। फिलहाल भीलवाड़ा जिले में सिर्फ 5 बजरी लीज ही प्रभावी रूप से चालू हैं, जो मांग के मुकाबले नाकाफी हैं। यही कारण है कि अवैध खनन लगातार फल-फूल रहा है।

13 लीजों को टीओआर, लेकिन जनसुनवाई तक नहीं

पर्यावरण विभाग ने 13 बजरी लीजों के लिए टीओआर जारी कर दिए, लेकिन लीजधारकों की ओर से अब तक जनसुनवाई के लिए आवेदन ही नहीं किया गया। इससे पूरी प्रक्रिया ठप पड़ी है।

सिर्फ 5 लीजों से हो रहा वैध खनन

खनिज विभाग का दावा है कि अब तक केवल 5 लीजों में ही ईसी के बाद एग्रीमेंट कर खनन शुरू हो पाया है। इनमें रायपुर-सहाड़ा, आकोला, आसींद, हुरड़ा, बिजयनगर और शामिल हैं। हालांकि हुरड़ा और बिजयनगर की बजरी शहर तक नहीं पहुंच पा रही है। इससे शहरी इलाकों में संकट और गहराया है। यहां की पूर्ति अवैध बजरी के खनन से हो रहा है।

रवन्ना सिस्टम फेल, ट्रैक्टर-ट्रॉली बना अवैध वसूली का जरिया

ट्रैक्टर-ट्रॉली के नाम पर रवन्ना तक नहीं काटा जा रहा। लीजधारकों के कर्मचारी ट्रैक्टर चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं और सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी सीधे जेबों में जा रही है। इससे राज्य सरकार को हर दिन लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

विशेष टीम भी नाकाम, कार्रवाई सिर्फ कागजों में

अवैध खनन रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से बनाई गई विशेष टीम भी प्रभावी नहीं हो रही। कभी-कभार की कार्रवाई और औपचारिक जब्ती से माफिया के हौसले पस्त नहीं हो रहे। हालांकि पुलिस अधीक्षक की ओर से लगातार कार्रवाई करने से अवैध खनन करने वालों पर दबाव रहता है। फिर भी मंगरोप, हमीरगढ़ तथा बड़लियास क्षेत्र में लगातार अवैध खनन हो रहा है।

ईसी मिलने पर आराम से मिलेगी बजरी

अब तक जितने भी बजरी के प्लॉट नीलाम किए हैं उनकी ईसी मिलने पर जिले में वैध बजरी आसानी से मिल सकेगी। अभी बजरी के 12 ब्लॉक और तैयार किए गए हैं। जिले में 46 लीज बजरी की लीज चलती हैं तो आम उपभोक्ता को आसानी से बजरी मिल सकेगी। अवैध बजरी के खिलाफ विभाग लगातार अभियान चला रहा है।

महेश शर्मा, खनिज अभियंता भीलवाडा

यह है जिले की बजरी की स्थिति

  • 13 लीज में टोर जारी हो चुकी है
  • 9 लीजों में जनसुनवाई पूरी हो चुकी है, फिर भी खनन शुरू नहीं
  • 2 लीजों में मंशा पत्र जारी
  • 4 लीजों में ईसी के लिए आवेदन लंबित
  • 4 में खनन कार्य चालू हैं
  • 2 लीज स्वीकृति में पड़ी है।
  • 34 कुल लीज