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जानकारी के अनुसार अजमेर जिले के सालरमाला गांव निवासी सावरसिंह रावत पत्नी अमरी व बेटे कमलेश (8)के साथ कई वर्षो से नयानगर खनन क्षेत्र में रहकर मजदूरी कर रहे है। गुरुवार को अमरी बेटे कमलेश को लेकर नयानगर खनन क्षेत्र में बंद पड़ी खदान में भरे पानी में नहाने गई। अमरी कपड़े धोने में व्यस्तत हो गई। निकट ही खेल रहा कमलेश खेलते-खेलते पैर फिसलने से खदान में गिर गई। मां की चीख सुनकर आसपास मौजूद लोग दौड़कर आए। बालक की तलाश शुरू की गई। सूचना पर बिजौलियां पुलिस भी वहां पहुंच गई। काफी मशक्कत के बाद बालक को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसके प्राण-प्रखेरू उड़ गए।
जानकारी के अनुसार अजमेर जिले के सालरमाला गांव निवासी सावरसिंह रावत पत्नी अमरी व बेटे कमलेश (8)के साथ कई वर्षो से नयानगर खनन क्षेत्र में रहकर मजदूरी कर रहे है। गुरुवार को अमरी बेटे कमलेश को लेकर नयानगर खनन क्षेत्र में बंद पड़ी खदान में भरे पानी में नहाने गई। अमरी कपड़े धोने में व्यस्तत हो गई। निकट ही खेल रहा कमलेश खेलते-खेलते पैर फिसलने से खदान में गिर गई। मां की चीख सुनकर आसपास मौजूद लोग दौड़कर आए। बालक की तलाश शुरू की गई। सूचना पर बिजौलियां पुलिस भी वहां पहुंच गई। काफी मशक्कत के बाद बालक को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसके प्राण-प्रखेरू उड़ गए।
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ऊपरमाल खनन क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ प्लॉट व ब्लॉक की खनिज बाउंड्रियां है। सवा सौ चार हैक्टयर के क्षेत्रफल की खदान आवंटित है। बरसात में खदानों में पानी भर जाता है। खनन क्षेत्र के मजूदरों के अलावा आसपास के ग्रामीण भी इन खदानों मे कपड़े धोने औन नहाने आते है। प्रतिवर्ष चार-पांच हादसे खदानों के पानी मे डूबने से होते है। जो खदान खनन कार्य के लिए उपयोग में नही आती है उनका पानी खनन व्यवसायी नही निकालते है। एेसे में खदान मौत का कुआं बने हुए है।
ऊपरमाल खनन क्षेत्र में करीब डेढ़ सौ प्लॉट व ब्लॉक की खनिज बाउंड्रियां है। सवा सौ चार हैक्टयर के क्षेत्रफल की खदान आवंटित है। बरसात में खदानों में पानी भर जाता है। खनन क्षेत्र के मजूदरों के अलावा आसपास के ग्रामीण भी इन खदानों मे कपड़े धोने औन नहाने आते है। प्रतिवर्ष चार-पांच हादसे खदानों के पानी मे डूबने से होते है। जो खदान खनन कार्य के लिए उपयोग में नही आती है उनका पानी खनन व्यवसायी नही निकालते है। एेसे में खदान मौत का कुआं बने हुए है।