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आधुनिक सुविधाघरों के दरवाजे गायब, सुविधाघरों की दुर्दशा पर नहीं दिया जा रह ध्यान , महिलाएं झेल रही शर्मिंदगी

महिलाओं के लिए बने सुविधाघरों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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Meditation not being given on the plight of facilities in bhilwara

Meditation not being given on the plight of facilities in bhilwara

भीलवाड़ा।
शहर में सफाई व्यवस्था सृदृढ करने के लिए भले ही नगर परिषद सभापति से लेकर कर्मचारी जुटे हैं लेकिन महिलाओं के लिए बने सुविधाघरों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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मुख्य मार्गों पर स्थापित आधुनिक सुविधाघर से कुछ माह बाद ही चोरों व नशेडि़यों ने दरवाजे चुरा लिए। सांझ ढलते ही स्मैकचियों की नजर से बचने के लिए इन्ही सुविधाघरों का प्रयोग करते है।


आठ माह से नगर परिषद रोड पर महिला सुविधाघर व कोतवाली के समीप व पुरुष सुविधाघर के दरवाजे गायब है लेकिन अब तक इन पर वापस गेट नहीं लगाए गए। इससे वहां से गुजरने वाली सैकड़ों कॉलेज छात्राएंं व अन्य महिलाओं को परेशानी हो रही है। सुविधाघर के आगे फल विक्रेता खड़े रहते है।

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एेसे में महिलाएं इनका उपयोग नहीं कर पाती है। विभिन्न मार्गों पर आमजन की सुविधा के लिए परिषद ने जगह-जगह फाइबर निर्मित सुविधाघर (टॉयलेट) रखवाए थे। सफाई के अभाव में इनसे निकलने वाली दुर्गन्ध भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।

परिषद ने पुरूषों के लिए कई स्थानों पर सुविधाघर स्थापित कर दिये लेकिन महिलाओं के लिये सीमित सुविधाघर होने से उन्हे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


प्रदेश के स्वच्छता दूत ने ही उठाया सफाई सर्वे पर सवाल

भीलवाड़ा. प्रदेश में स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर व डूंगरपुर नगर परिषद के सभापति केके गुप्ता ने हाल में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, जिस एजेंसी ने सर्वे किया, वह गलत है। इसमें चूक हुई है।

डूंगरपुर देश में 203वें नंबर पर है लेकिन मैं इससे अंसतुष्ट हूं क्योंकि हमारा शहर पूरी तरह साफ है और जो शहर नंबर वन आए है उससे भी आगे है। इसके बावजूद इसे कम अंक दिए है।

गुप्ता गुरुवार को यहां एक कार्यक्रम में आए थे। सर्किट हाउस में पत्रकारों से कहा, वे प्रदेश में स्वच्छता को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे हैं। डूंगरपुर में हुए कामों की नजीर देकर और शहरों को भी सुंदर और स्वच्छ बनाने पर काम कर कर रहे हैं। डूंगरपुर शहर में कई नवाचार किए लेकिन सर्वे टीम ने उन्हें ढंग से नहीं देखा।


यही वजह है कि उन्हें रिपोर्ट में कम अंक मिले हैं। इसे लेकर उन्होंने टीम दिल्ली भी भेजी है। साथ ही डूंगरपुर शहर के हर परिवार से इस रिपोर्ट के संशोधन की मांग को लेकर केंद्र सरकार को पोस्टकार्ड लिखा जा रहा है।