27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

campaign: मरम्मत पर 25 लाख खर्च, फिर भी नहीं रुका रिसाव

मानसून चौखट पर दस्तक देने वाला है। लेकिन जल संसाधन विभाग की नींद नहीं उड़ी है

2 min read
Google source verification
need devari nala dam reparing in bhilwara

need devari nala dam reparing in bhilwara

लाडपुरा।

मानसून चौखट पर दस्तक देने वाला है। लेकिन जल संसाधन विभाग की नींद नहीं उड़ी है। क्षेत्र के देवरी नाला बांध की मरम्मत पर 25 लाख रुपए खर्च कर दिए गए। फिर भी बांध की पाल पर हो रहा बड़ा सुराख रिसाव को नहीं रोक पा रहा। इससे बांध में पानी की आवक के बाद हजारों लीटर पानी व्यर्थ ही बह जाता है।

READ: जीएसटी का विशेष रिफण्ड पखवाड़ा 14 तक,पूरे दस्तावेज के साथ पेश किए आवेदन पर रिफण्ड 21 दिन में

इसे लेकर शिकायत के बावजूद अफसर चादर तानकर सो रहे है। गत वर्ष क्षतिग्रस्त नहर और कुछ हद तक पाल की मरम्मत पर करीब 25 लाख रुपए खर्च किए थे। लेकिन मानसून के आगमन के बाद बांध से पानी रिसने का सिलसिला नहीं थमा। वर्ष-2005में बांध के निर्माण के बाद से ही किसानों को सिंचाई के पानी के लिए हर साल परेशानी से जूझना पड़ रहा है।

READ: बैंको की हड़ताल से दो दिन में करोड़ों का कारोबार प्रभावित

निर्माण में तकनीकी खामी के कारण पहले जहां हर साल नहर बारिश से टूट जाती थी, इससे किसानों को पूरा व समय पर पानी नहीं मिल पाता था। इस पर गत वर्ष मनरेगा में करीब 25 लाख स्वीकृत कर नहर खुदाई कर उसे दुरस्त करवाया गया। नहर पर काम अधूरा है। किसानों को समय पर पानी मिलने की उम्मीद जगी है, लेकिन पाल से रिसाव को नहीं रोक पा रहा।


दो साल पहले हो चुका कटाव

वर्ष-2016 में अतिवृष्टि के दौरान बांध पर चादर चली थी। चादर के साथ पाल के निकट बड़ी मात्रा में मिट्टी का कटाव होकर पानी बाहर निकल गया। कटाव के कारण नहर टूट गई थी। सवा 7 मीटर भराव क्षमता के देवरीनाला बांध से गेनोली पंचायतके धाकड़ खेड़ी, रामपुरिया, बिहारीपुरा, डामटी खोखरा गांवों की 305 हैक्टेयर भूमि सिंचित होकती है।


एक नजर में देवरी नाला बांध
7.25 मीटर भराव क्षमता
2005 बांध का निर्माण
305 हैक्टर में सिंचाई
हैक्टयर में हो रही सिंचाई
नहर पर बजरी नहीं आने से प्लास्टर का काम नहीं हो पाया। बांध की पाल के एक भाग में पानी रिस रहा है। इसकी मरम्मत के लिए डीएमएफटी में प्रस्ताव भेज रखा है।
हरिबक्ष तेली, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग