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लापरवाही से खतरनाक हो सकता है डेंगू का नया वैरिएंट

locationभीलवाड़ाPublished: Oct 30, 2021 09:07:38 am

Submitted by:

Suresh Jain

डेंगू के नए स्ट्रेन डी-2 के कारण मरीज को हो सकती है आंतरिक और बाहरी ब्लीडिंग

लापरवाही से खतरनाक हो सकता है डेंगू का नया वैरिएंट

लापरवाही से खतरनाक हो सकता है डेंगू का नया वैरिएंट

भीलवाड़ा।
दो साल से कोरोना वायरस लोगों को परेशान कर रहा था, तो इस साल मच्छरों से होने वाली बीमारी डेंगू अपने नए-नए रूपों से लोगों पर अपना कहर ढा रहा है। हर साल डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड और मच्छरों से होने वाली अन्य बीमारियों के हजारों मामले सामने आ रहे है। डेंगू का प्रकोप इस साल स्थिति गंभीर कर रहा है। कई जगहों पर डेंगू वायरस के एक नए स्ट्रेन के मामले सामने आ रहे हैं, जो स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। डेंगू का नया स्ट्रेन लोगों को ज्यादा परेशान कर रहा है।
घातक वायरस
चिकित्सा विभाग के अनुसार डेंगू के मरीजों में पाया जाने वाला स्ट्रेन सबसे ज्यादा खतरनाक है। यह मरीजों के लिए काफी घातक हो सकता है। डाक्टरों के अनुसार डेंगू वायरस डी-2 को सबसे घातक माना जा रहा है। इस वायरस से पीडि़त मरीज जल्द ही गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है। इसलिए इस वायरस के लक्षणों को पहचानना और उसका तुरंत इलाज करना जरूरी है।
तेजी से गिरने लगता है प्लेटलेट्स
डेंगू के नए स्ट्रेन 2 के कारण मरीज़ को आंतरिक और बाहरी ब्लीडिंग हो सकती है। डेंगू का बुखार बढ़ जाने के कारण स्थिति बिगड़ सकती है। मरीज के कान, नाक, मसूढ़े आदि से खून आने लगता है। वही डेंगू की समस्या में प्लेटलेट्स गिरना आम लक्षण है, लेकिन डेंगू के नए स्ट्रेन के शिकार लोगों में प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिरने लगता है। अगर इलाज सही समय पर न मिला, तो इम्यून सिस्टम खराब हो जाता है। शरीर में कमजोरी बढऩे से शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं।
सदमे जैसी हालत में होने लगता है मरीज
डाक्टरों का कहना है कि यह डेंगू का दूसरा और तीसरा स्टेज होता है, जो खतरनाक माना जाता है। इसमें मरीज का तंत्रिका तंत्र खराब होने लगता है और वह लगभग सदमे की हालत में आ जाता है। इसी कारण इसे डेंगू शॉक सिंड्रोम कहते हैं। जब मरीज का बुखार कई दिन तक नहीं उतरता है ,तो इस स्टेज की शुरुआत होती है।
यह हैं लक्षण
इस नए स्ट्रेन के कारण होंठों का रंग नीला पड़ जाता है। स्किन पर लाल चकत्ते आने लगते हैं। डेंगू के नए स्ट्रेन डी-2 के कारण प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं। साथ ही ब्लड प्रेशर बढऩे लगता है। डेंगू के नए स्ट्रेन डी 2 के मरीज को बहुत तेज बुखार आता है। बुखार का स्तर 105 डिग्री तक पहुंच सकता है। अगर बुखार लगातार बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। डिप्टी सीएमएचओ डॉ. घनश्याम चावला ने बताया कि भीलवाड़ा में इस तरह का डेंगू तो सामने नहीं आया है, लेकिन लक्षण वही देखने को मिल रहे हैं।
इस बीमारी से इस तरह करें बचाव
डेंगू का स्ट्रेन कुछ भी हो, एहतियात मच्छर से है, जो बीमारी को फैलाता है। अपने आस-पास घर में पानी नहीं जमा होने दें। पूरी बांह के कपड़े पहनें ताकि मच्छर हमला नहीं करे। इस प्रकार का मच्छर आमतौर पर दिन में काटता है। इसलिए दिन में अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत है। मच्छरों से बचाव के लिए क्रीम का उपयोग करें और सोने से पहले मच्छरदानी को अच्छी तरह से सेट कर लें।

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