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भीलवाड़ा

फैसले के एक साल बाद भी न्याय के लिए भटक रहा परमानंद

साल पहले तोड़ी दुकान के मुआवजे व निस्तारण को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग के आदेश के बावजूद परिवादी परमानंद सिंधी नगर विकास न्यास से लेकर जयपुर तक न्याय के लिए भटक रहा है।

भीलवाड़ाJul 24, 2021 / 02:39 pm

Narendra Kumar Verma

parmanand wandering for justice even a year after the verdict

parmanand wandering for justice even a year after the verdict

भीलवाड़ा। नौ साल पहले तोड़ी दुकान के मुआवजे व निस्तारण को लेकर राज्य मानवाधिकार आयोग के आदेश के बावजूद परिवादी परमानंद सिंधी नगर विकास न्यास से लेकर जयपुर तक न्याय के लिए भटक रहा है।
पंचवटी कॉलोनी निवासी परमानंद सिंधी ने बताया कि नेहरू रोड स्थित दुकान का अधिकांश हिस्सा नगर विकास न्यास ने रोड को चौड़ा करने के लिए 21 सितम्बर 2012 को तोड़ दिया था। न्यास की कार्रवाई से उसका रोजगार छीन गया। न्यास ने तोड़ी दुकान के बदले न्यास क्षेत्र मेें ही भूमि आवंटित करने का आश्वासन लिखित में दिया था, लेकिन न्यास ने ना तो जमीन दी और ना ही मुआवजा दिया,
दो माह में निस्तारण के थे आदेश

परमानंद की पीड़ा है कि राज्य मानवाधिकार आयोग में परिवाद दायर किया गया, आयोग ने २६ अप्रेल २०१९ को फैसला सुनाते हुए न्यास को दो माह में निस्तारण करने को कहा, अन्यथा दो लाख रुपए जुर्माना व मौजूदा डीएलसी दर पर भूखंड की कीमत चुकाने के आदेश दिए। परमानंद का कहना है कि आदेश को जारी हुए एक साल से अधिक हो गया। लेकिन न्यायालय के आदेश की पालना नहीं हो सकी। इधर, न्यास अधिकारियों का कहना है कि प्रकरण अभी विचाराधीन है।
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