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खनन पट्टों पर ‘सियासी’ वार: कांग्रेस शासन में हुए आवंटन का हिसाब मांग रही भाजपा सरकार

- अरावली पर घिरी सरकार का पलटवार, शनिवार को भी खुले रहे दफ्तर - सोमवार से अवैध खनन के खिलाफ प्रदेशव्यापी महाभियान

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The BJP government is demanding an account of the allocations made during the Congress rule.

The BJP government is demanding an account of the allocations made during the Congress rule.

राजस्थान की सियासत में अब 'खदानों' को लेकर जंग छिड़ गई है। अरावली क्षेत्र में अवैध खनन के मुद्दे पर कांग्रेस के हमलावर तेवरों के बीच अब भजनलाल सरकार ने भी जवाबी घेराबंदी शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी खनिज अभियन्ताओं से पिछले तीन कांग्रेस मंत्रिमंडलों के कार्यकाल के दौरान आवंटित की गई लीज और खनन पट्टों का पूरा ब्योरा तलब किया है। इस डेटा को जुटाने की जल्दबाजी का आलम यह रहा कि शनिवार को अवकाश होने के बावजूद प्रदेश के सभी खनिज कार्यालय खुले रहे और अधिकारी आंकड़े तैयार करने में जुटे रहे।

तीन कार्यकाल का मांगा हिसाब

सरकार ने विशेष रूप से उन वर्षों का रिकॉर्ड मांगा है जब प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता थी। खनिज विभाग के अनुसार, सरकार ने तीन कालखंडों की रिपोर्ट मांगी है। इनमें 1998 से 2003, 2008 से 2013 तथा 2018 से 2023 तक की कांग्रेस सरकार का शासन शामिल है। माना जा रहा है कि भाजपा इन आंकड़ों के जरिए जनता के सामने यह तस्वीर रखना चाहती है कि कांग्रेस के शासनकाल में बड़े पैमाने पर खनन पट्टे जारी किए गए थे। यह कदम कांग्रेस की ओर से अरावली को लेकर सरकार पर किए जा रहे 'हल्ला बोल' के जवाब के रूप में देखा जा रहा है।

सरकार अरावली पर 'एक्शन' मोड में, कल से चलेगा अभियान

दूसरी ओर अरावली क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय किया गया कि सोमवार से पूरे प्रदेश में अवैध खनन के खिलाफ एक विशेष संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। साथ ही अवैध खनन करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ विभागीय जवाबदेही भी तय की जाएगी।

अभियान को लेकर दिए सरकार ने निर्देश

  • संयुक्त टीम: इस अभियान में खान, वन, राजस्व, परिवहन और पुलिस विभाग मिलकर कार्रवाई करेंगे।
  • जीरो टॉलरेंस: अवैध खनन, निर्गमन, परिवहन और भंडारण करने वाले माफियाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
  • अधिकारियों पर गाज: यदि किसी क्षेत्र में अवैध खनन लिप्त पाया गया, तो संबंधित विभागीय अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
  • डेली रिपोर्टिंग: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस अभियान की प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन उच्चाधिकारियों को भेजी जाए।