
पंकज श्रीवास्तव
भीलवाड़ा.Rajasthan Assembly Election 2023: भीलवाड़ा से मैंने रुख किया सहाड़ा विधानसभा की ओर। गंगापुर और रायपुर दरअसल इस विधानसभा के बड़े कस्बे हैं। सहाड़ा का सिर्फ नाम ही है। रोजगार के लिए पलायन यहां की गंभीर समस्या है। आश्चर्य की बात ये है कि आइसक्रीम के कारोबार ने यहां लोगों को काम भी दिया और पलायन के लिए मजबूर भी किया है। आइसक्रीम की सजावटी ट्रॉलियां-टेम्पो तैयार करने से रोजगार पनपा है तो इन्हीं को लेकर यहां के सैकड़ों युवा देश के कोने-कोने में आइसक्रीम बेचने के लिए पलायन करते हैं।
गंगापुर में आइसक्रीम लॉरियां डेकोरेशन से जुड़े व्यवसायी कैलाश बताते हैं कि करीब 100 दुकानें हैं यहां। हर सीजन में यहां से 10 से 12 हजार लॉरियां व टेम्पो सजकर निकलते हैं। आधे से ज्यादा तो आस-पास के युवा ही लेकर देशभर में जाते हैं। बस स्टैंड पर मिले व्यवसायी नंदकिशोर तेली ने बताया कि पहले एक मिल चलती थी वो भी बंद हो गई। हर माह कर्मचारियों को 40 लाख रुपए से ज्यादा का वेतन बंटता था। वो पैसा बाजार में आता था। मिल बंद हो गई, नया उद्योग कोई आया नहीं। अस्पताल में सुविधाएं न होने के कारण इलाज के लिए भीलवाड़ा जाना पड़ता है। चाय की होटल चलाने वाले विनोद माली कहते हैं कि पहले चार से पांच दिन में पेयजल सप्लाई होती थी। चंबल प्रोजेक्ट के बाद भी वही स्थिति है। बिजली छूट की बात क्या करें हमारा तो बिल और ज्यादा आने लगा है। चौराहे पर मिले नौकरीपेशा मनोज सुराना का कहना था कि पानी की पाइपलाइन बिछाने में रोड तोड़ दी गई, हालत खराब है।
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आगे बढ़ा तो कोशीथल में बेहद खराब रास्ते से रायपुर पहुंचा। यहां मेन रोड पर मिले व्यवसायी प्रकाशचंद मूंदड़ा कहते हैं कि रोडवेज बसें यहां दिख जाएं तो समझो चुनाव आ गया। हर चुनाव में उद्योग लगाने की बात होती है, फिर भूल जाते हैं। किसान नारायण दादा बोले, यहां मंडी नहीं है। किसान शिवलाल जाट बोले, समर्थन मूल्य के आश्वासन बस चुनाव तक ही सीमित हैं। कर्जा माफी की बातें तो बातें ही हैं। पंडित बाबूलाल व्यास कहते हैं कि बुजर्गों को महीनों से पेंशन नहीं मिली है। चूडिय़ां बेच रहीं भगवती और प्रेम कहती हैं कि जब बस ही नहीं आती तो महिलाओं को बस में छूट कैसे मिलेगी। आइसक्रीम बेच रहे ईश्वरलाल माली कहते हैं कि 75 प्रतिशत युवा शहर से बाहर हैं।
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रायपुर से आसींद जाते समय दौलतगढ़ के पास खराब सडक़ ग्रामीण परिवहन की कहानी कहती है। आसींद में सम्मानित शिक्षक प्रकाशचंद्र चौधरी यहां की सबसे बड़ी जरूरत स्वास्थ्य सेवाओं को बताते हैं। नौकरीपेशा रहे रामप्रसाद मेवाड़ा कहते हैं कि पलायन रोकने के लिए उद्योग धंधों की जरूरत है। चंबल प्रोजेक्ट से शहर में पानी मिलता है, पर गांव महरूम हैं। बिजली की समस्या बहुत है। सरकार ध्यान दे तो यहां खनन से जुड़े कुछ कारोबार की संभावनाएं हैं। समाजसेवी नाथमल और गौशाला अध्यक्ष दिनेशकुमार सोनी का कहना था कि यहां रेल सेवा और सुविधाएं बढ़ाई जाएं तो गुर्जर समाज के प्रमुख मंदिर सवाईभोज के कारण ये क्षेत्र धार्मिक पर्यटन में आगे बढ़ सकता है। नदी जोड़ो का कुछ काम हो तो नातरा बांध भर जाए और सिंचाई की दिक्कत न रहे।
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Updated on:
16 Jul 2023 09:15 am
Published on:
16 Jul 2023 09:11 am
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