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इनपुट टेक्स क्रेडिट नहीं मिलने से कपड़ा महंगा, निर्यात 30 फीसदी घटा, संकट में कपड़ा उद्योग

भीलवाड़ा का कपड़ा उद्योग संकट में है

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Textile expensive in bhilwara

Textile expensive in bhilwara

भीलवाड़ा।

भीलवाड़ा का कपड़ा उद्योग संकट में है। कपड़े पर इनपुट टेक्स क्रेडिट नहीं मिलने से इसकी लागत बढ़ गई है। कपड़ा महंगा हो गया और विदेशों ने माल मंगवाना कम कर दिया। भीलवाड़ा 20 से ज्यादा देशों को कपड़ा निर्यात करता है।

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बीते तीन माह के आंकड़ों पर नजर डाले तो कपड़े का निर्यात 30 फीसदी घट गया। हालात एेसे हैं कि जिन देशों ने भीलवाड़ा से माल मंगवाया था, वे भुगतान से हाथ खींचने लगे हैं। जीएसटी में आईटीसी रिफण्ड नहीं मिलने तथा कपड़े पर इनपुट टेक्स क्रेडिट के अभाव में कपड़े की लागत लगातार बढ रही है।

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निर्यातकों का कहना है कि सीरिया, ईरान, मिस्र, अफगानिस्तान के अलावा कई अरब देशों ने अपनी घरेलू स्थितियों के चलते कम कपड़ा मंगवा रहे हैं। भुगतान समय पर नहीं कर रहे। वहां की सरकारों में 50 हजार डॉलर तक माल खरीद की छूट दी, जिससे व्यापारी परेशान हैं। डॉलर में तेजी का स्थानीय निर्यातकों को फायदा नहीं मिल रहा क्योंकि व्यापारी कपड़े की मांग नहीं कर रहे।


वीविंग की हालत खस्ता

केंद्र ने प्रोसेस उद्योग को इनपुट टेक्स में राहत दी पर वीविंग को दूर रखा। वीविंग की हालत खस्ता है। निर्यात प्रभावित हो रहा है। पीवी सूटिंग का निर्यात घट रहा। एक मीटर कपड़ा बनाने के लिए यार्न पर 12 फीसदी जीएसटी है, जो 8 रुपए प्रति मीटर की जीएसटी होती है।

वीविंग व प्रोसेसिंग पर जीएसटी व अन्य खर्च मिलाकर 2 से 2.25 रुपए व जीएसटी लगती है। यानी कुल एक मीटर कपड़े पर 10 से 10.25 रुपए जीएसटी लग रही है। कपड़ा बेचने पर 80 से 100 रुपए मीटर के आधार पर मात्र 4से 5 रुपए वसूल हो पाते हैं। व्यापारियों को 5 से 6 रुपए मीटर का नुकसान हो रहा है।

300 करोड़ का नुकसान

वस्त्रनगरी के डेनिम व मिल सेक्टर को छोड़ दे तो 400 इकाइयां सालाना 55 करोड़ मीटर कपड़ा बनाती हैं। एक मीटर कपड़े के आधार पर औसत 6 रुपए मीटर का नुकसान हो रहा है। भीलवाड़ा को लगभग 300 करोड़ रुपए का फटका लग रहा है। एक माह में लगभग 25 करोड़ का नुकसान हो रहा है।


रिफण्ड नहीं मिला तो बंद हो जाएंगे उद्योग
केंद्र से आईटीसी रिफण्ड नहीं मिलता है तो वीविंग उद्योग चलाना मुश्किल होगा। केन्द्र को कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए इन्सेंटिव देना होगा। आईटीसी रिफण्ड के लिए टेक्सटाइल मंत्रालय, आयुक्त, क्षेत्रीय कार्यालय नोएड़ा, राजस्व सचिव को पत्र लिखा है। उद्योग मंत्री से भी चर्चा की। राहत नहीं मिली तो निर्यात और गिरेगा।
आरके जैन, महासचिव मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स