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खबर का असर: स्कूल में सोनिया को देखकर सहेलियों के चेहरे पर आई खुशी, बालिका शिक्षा को लेकर समाज के लोग आए आगे, भामाशाह ने सोनिया को दी साइकिल

10 वर्षीय सोनिया के घर दुख दर्द बांटने के लिए गुरुवार को समाज के लोगों ने हाथ बढ़ाएं

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Cycle give the student in bhilwara

Cycle give the student in bhilwara

काछोला।

राजगढ़ ग्राम पंचायत के जाल का खेड़ा की 10 वर्षीय सोनिया के घर दुख दर्द बांटने के लिए गुरुवार को समाज के लोगों ने हाथ बढ़ाएं। सोनिया के घर जाकर रैगर समाज जागृति संस्थान त्रिवेणी के प्रचार प्रसार मंत्री प्यार चंद रेगर सलाहकार राजमल रेगर छात्रा सोनिया के माता-पिता से रूबरू हुए।

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छात्रा के माता-पिता की समस्या सुनने के बाद संस्थान के पदाधिकारी छात्रा सोनिया के लिए साइकिल खरीद कर उसे जाल का खेड़ा से 4 किलोमीटर दूर राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय थल खुर्द ले जाकर उसे प्रवेश दिलाया। वहीं विद्यालय संस्था प्रधान शिवकुमार ट्रेलर ने छात्रा के तिलक लगाकर विद्यालय में स्वागत किया।

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काछोला थाना प्रभारी राजेंद्र सिह सोलंकी, नायब तहसीलदार नानालाल के आतिथ्य में छात्रा का एडमिशन करवाया। रेगर समाज जागृति संस्थान त्रिवेणी के प्रचार प्रसार मंत्री प्यार चंद रेगर ने कहा कि बालिका शिक्षा को लेकर समाज के लोगों ने पहल की है और छात्रा को शिक्षा से वंचित ना रहना पड़े इसको लेकर संस्थान की ओर से बच्ची को साइकिल दी। जिससे वह नियमित रुप से विद्यालय जा सके और अपनी पढ़ाई निरंतर रख सके।

समाज की इस पहल पर काछोला थाना प्रभारी एवं नायब तहसीलदार द्वारा समाज के लोगों का स्वागत किया गया। विद्यालय में जब छात्रा सोनिया पहुंची तो उसकी सहेलियों की ललाट पर खुशी दिखाई दी। सहेलियों ने उसे गले मिलकर खुशी जाहिर की 18 दिन बाद सोनिया स्कूल पहुंची विद्यालय खुलने के सोनिया व उसकी सहेलियों का खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।


उल्लेखनीय है कि जाल का गांव निवासी सोनिया वह पढ़ना चाहती है मगर स्कूल कैसे जाए नामक शीर्षक से राजस्थान पत्रिका में 2 जुलाई के अंक में खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। सोनिया पांचवी कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की अब छठी कक्षा में अध्ययन करना चाहती है।

लेकिन विद्यालय उसके घर से 4 किलोमीटर दूर होने के कारण वह स्कूल मात्र इसलिए नहीं जा पा रही है क्योंकि उसके पास स्कूल जाने के लिए साइकिल नहीं है। माता पिता भी दिव्यांग होने के कारण वह उनकी माली हालत अच्छी नहीं है। वह साइकिल नहीं खरीद सकते हैं स्कूल जाने का कोई साधन भी नहीं है।