
शिक्षा के मंदिर में बच्चों को नैतिकता व लड़ाई-झगड़ा न करने की सीख दी जाती है, लेकिन ये सीख देने वाले खुद ही ये पाठ भूल गए है
करेड़ा।
शिक्षा के मंदिर में बच्चों को नैतिकता व लड़ाई-झगड़ा न करने की सीख दी जाती है, लेकिन ये सीख देने वाले खुद ही ये पाठ भूल गए है। एेसा ही वाकया करेड़ा उपखंड क्षेत्र के नारेली की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में सामने आया है। यहां महिला प्रिंसिपल व व्याख्याता के बीच समय पर स्कूल में नहीं आने व शिक्षण कार्य को लेकर तू-तू मैं-मैं हो गई। फिर तालमेल बिगड़ गया। आए दिन किसी बात पर झगडऩे लगे।
मामले ने तूल पकड़ लिया जब प्रिंसिपल ने एसएमसी बैठक में प्रस्ताव ले इतिहास व्याख्याता का डेपुटेशन मोटा का खेड़ा स्कूल कर दिया। फिर व्याख्याता ने प्रिंसिपल को बंदूक से उड़ाने की धमकी दे डाली। प्रिंसिपल ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रथम को लिखित शिकायत कर सुरक्षा मांगी। इधर, विवाद से बाधित हो रही पढ़ाई को लेकर ग्रामीणों ने डीईओ प्रथम को ज्ञापन सौंपा। मामले की जांच व व्याख्याता को पुन: नारेली स्कूल में लगाने की मांग की। डीईओ ने आसींद विद्यालय से अवधेश शर्मा के नेतृत्व में जांच दल नारेली भेजा।
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बताने में असमर्थ हूं
मैं अभी तनाव से गुजर रहा हूं, इस मामले पर कुछ भी बताने में असमर्थ हूं।
भीमाराम बुनकर, व्याख्याता
और परेशान न करें
धमकी जैसी बात नहीं है। न इस बारे में कोई बात करनी है। परेशान हूं, और परेशान न करें।
संगीता मीणा, प्रिंसिपल
प्रिंसिपल ने लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि व्याख्याता ने उसे बंदूक से उड़ाने की धमकी दी। मामले का पता करने जांच दल नारेली विद्यालय भेजा है। ग्रामीणों ने ज्ञापन देकर व्याख्याता को पुन: नारेली लगाने की मांग की है।
अशोक कुमार, डीइओ माध्यमिक प्रथम
Published on:
01 May 2018 12:00 pm
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