17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एसओजी महिला अरबन बैंक पहुंची, खंगाले दस्तावेज, गवाहों के लिए बयान

महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में ऋण घोटाले की जांच शनिवार से स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) ने शुरू कर दी

2 min read
Google source verification
Women's Urban Co-operative Bank Loan Scam in bhilwara

Women's Urban Co-operative Bank Loan Scam in bhilwara

भीलवाड़ा।

भीलवाड़ा महिला अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में ऋण घोटाले की जांच शनिवार से स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) ने शुरू कर दी। तीन सदस्यीय टीम ने बैंक पहुंच कर घोटाले से सम्बंधी दस्तावेजों को खंगाला तथा गवाहों के बयान लिए। टीम के भीलवाड़ा पहुंचने से मामले से जुड़े लोगों में हड़कम्प मच गया। कई लोग टीम के पहुंचते ही भीलवाड़ा से बाहर चले गए ताकि वे पूछताछ से बच सकें। इस मामले में बैंक की पूर्व अध्यक्ष कीर्ति बोरदिया व बैंक के वित्तीय सलाहकार सीए रविन्द्र बोरदिया अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है।

READ: पंद्रह साल से सीने पर ढो रहा था ढाई किलो की गांठ


एसओजी के सीआई शंकरलाल के नेतृत्व में जोधपुर से आई टीम शनिवार सुबह नागौरी गार्डन स्थित बैंक पहुंची। वहां पहुंच कर उन्होंने घोटाले का रिकॉर्ड देखा। इस दौरान बैंक कर्मचारियों से भी रिकॉर्ड के बारे में जानकारी ली। वे कुछ रिकॉर्ड को अपने साथ ले गए। यहां से टीम डाक बंगले पहुंची। बैंक में फर्जीवाड़े के मामले से जुड़े आधा दर्जन लोगों को बुलाया गया। उनके बयान लिए गए। सीआई शंकरलाल का कहना है कि मामले की जांच के बाद ही वास्तविकता सामने आएगी।

READ: अक्टूबर में शुरू हो जाएगा पासपोर्ट सेवा केंद्र


डाक बंगले पर रही नजर
मामले से जुड़े लोगों की नजर शनिवार को डाक बंगले पर ही रही। यहां एसओजी की टीम ठहरी हुई थी और यहीं पर लोगों के बयान लिए गए। जयपुर मुख्यालय से मिली तीन फाइलों को लेकर भीलवाड़ा आई थी। इसमें मुख्य रूप से कोतवाली में सहकारी विभाग के सहायक रजिस्टार पारसमल जैन की ओर से दर्ज कराया गया मुकदमा शामिल है।

इसमें बैंक की पूर्व अध्यक्ष, संचालक मण्डल के सदस्य समेत बैंक प्रबंधकों को दोषी मानते हुए 25 करोड़ 10 लाख के फर्जी ऋण का मामला दर्ज कराया था। गौरतलब है कि 2016 में कहैयालाल कीर ने कोतवाली में 75 लाख की धोखाधड़ी करने का मामला बैंक के 11 जनों के खिलाफ दर्ज कराया था। उसके बाद बैंक में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले की परत दर परत खुलती गई।