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जिले के 26 हायर सेकंडरी स्कूल में दी जाएगी द.कोरिया के पैटर्न जैसी शिक्षा

चयनित स्कूलों में यात्रा के अनुभव साझा करेंगे दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल से लौटे प्राचार्य

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भिंड

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Rajeev Goswami

Jun 21, 2019

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जिले के 26 हायर सेकंडरी स्कूल में दी जाएगी द.कोरिया के पैटर्न जैसी शिक्षा

भिण्ड. सरकारी स्कूलों का लगातार गिर रहे शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश के 1000 शासकीय हायर सेंकडरी स्कूलों को दक्षिण कोरिया की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। मिशन-1000 योजना में भिंड जिले के 26 शासकीय स्कूलों को चयनित किया गया है। दक्षिण कोरिया की शिक्षा प्रणाली को जानने के लिए प्रदेश के 30 उत्कृष्ट स्कूलों के प्राचार्यों को वहां भेजा गया था। प्रदेश में सरकार स्कूली शिक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, इसके बाद भी छात्र की संख्या और पढ़ाई का स्तर लगातार घटता जा रहा है। योजना के तहत प्रदेश सरकार सबसे पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगी।

स्कूलों को इस सत्र से छात्र संख्या के अनुपात में 5 से 10 लाख रुपए तक की मदद करेगी। चयनित स्कूलों को पूर्णकालिक प्राचार्य उपलब्ध कराएं जाएंगे। प्राचार्य उपलब्ध नहीं होने पर सीनियर व्याख्याता को प्रभार दिया जाएगा। विषयवार शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। परिसर में संचालित प्राथमिक-माध्यमिक विद्यालयों की उपस्थित पंजी भी एक ही रहेगी। चयनित शालाओं में थ्योरी के अलावा प्रैक्टिकल शिक्षा पर भी जोर दिया जाएगा। भविष्य में वोकेशनल कोर्स को भी जोड़ा जाएगा।

योजना के तहत ग्वालियर चंबल संभाग से शासकीय उत्कृष्ट उमावि भिण्ड के प्राचार्य पीएस चौहान और शासकीय उत्कृष्ट उमावि के प्राचार्य जीएस परमार को सियोल भेजा गया था। उक्त दोनों ही प्राचार्यों को अपने-अपने जिलों के अलावा अन्य प्राचार्यों के बीच भी अनुभव साझा करने तथा अकादमिक सपोर्ट देने की जिम्मेदारी सौंपी है।

सरकारी स्कूल एयरकूल्ड, अधिकारी से ’यादा शिक्षक को सम्मान

प्राचार्य पीएस चौहान ने बताया, प्रदेश के स्कूलों की तुलना में दक्षिण कोरिया के स्कूलों का स्तर बहुत बेहतर है। वहां क्लास रूम में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर है और पढ़ाई 100 फीसदी कंप्यूटराइ’ड है। वोकेशनल शिक्षा पर अधिक जोर है। 70 फीसदी छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद ही रोजगार मिल जाता है। नर्सरी से लेकर कालेज तक में सभी कक्षाएं स्मार्ट है। कोई शिक्षक हाथ से नहीं लिखता। मेधावी छात्रों को ही उ"ा शिक्षा के लिए प्रमोट किया जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों से भी ’यादा सम्मान शिक्षक को प्राप्त है। स्कूलों का दर्जा मंदिर जैसा है। शिक्षक को निर्माता माना जाता है। कालेज शिक्षक की तुलना में वहां पर प्राइमरी के शिक्षक को ’यादा वेतन मिलता है। छात्रों को सैन्य शिक्षा दिया जाना भी अनिवार्य है।

कहां कितनी

छात्र संख्या

चयनित स्कूल छात्र

शाउमावि नयागांव 428

शाउमावि नं.2 भिण्ड 502

एमएलबी भिण्ड 630

शाउमावि ऊमरी 738

गल्र्स उमावि गोहद 776

गल्र्स उमावि मेहगांव 909

शाउमावि मिहोना 1231

शाउमावि सुरपुरा 470

शाउमावि असवार 410

शा उमावि गल्र्स मौ 661

शामावि दबोह 557

गल्र्स उमावि लहार 909

शाबालक उमावि गोरमी 610

शाउमावि मालनपुर 494

शाउमावि भौनपुरा 365

शाउमावि मसूरी 448

शाउमावि मानहड 438

शाउमावि अकोड़ा 426

शाउमावि जवासा 407

शाउमावि पीपरी 399

गल्र्स उमावि मौ 424

शाउमावि चौम्हों 420

गल्र्स मिहोना 380

शाउमावि उदोतपुरा 549

शा बालक आलमपुर 547

शाउमावि वैशपुरा 765

छात्र संख्या और इन्फ्र ास्ट्रक्चर के आधार पर किया गया है स्कूलों का चयन

मिशन-1000 के तहत छात्र संख्या के आधार पर स्कूलों का चयन किया है। चयनित स्कूलों की छात्र संख्या 380 से लेकर 1231 तक है। शासन के निर्देशानुसार ऐसे स्कूलों को चयन में वरियता दी गई हैं। जहां पर इन्फ्रास्ट्रक्चर अन्य सरकारी स्कूलों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।

&शासन के निर्देश पर मिशन-1000 के लिए स्कूलों का चयन छात्र संख्या और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर के आधार पर किया है। इसी साल से इन स्कूलों को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। प्राचार्यों और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बीएस सिकरवार, जिला शिक्षा अधिकारी भिण्ड