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वाहनों की तेज रफ्तार लील रही जिंदगी, 10 माह में 592 सड़क हादसों में गई सैकड़ों जान

जिले में शहर व नगरीय क्षेत्रों से होते हुए निकलने वाले हाइवे एक्सीडेंटल प्वॉइंट बन रहे हैं। दरअसल तेज रफ्तार वाहन इन हादसों का कारण बन रहे हैं। ऐसा ही हाल है शहर से होकर निकले नेशनल हाइवे क्रमांक 719 का।

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Auto accident

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भिंड। जिले में शहर व नगरीय क्षेत्रों से होकर निकले हाइवे अब एक्सीडेंट प्वॉइंट बनते जा रहे हैं। तेज रफ्तार वाहन इसका कारण बन रहे हैं। शहर से होकर निकले नेशनल हाइवे क्रमांक 719 पर वाहनों की रेलमपेल और आगे निकलने की होड़ मची रहती है। विशेषकर बेलगाम ट्रक, डंपर, ट्रैक्टर से हर रोज हादसों की नई कहानी लिखी जा रही है।

निर्धारित है रफ्तार लेकिन...
शहरी क्षेत्र से होकर निकले हाइवे पर 20 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार निर्धारित है। लेकिन इसके बाद भी इन स्थानों पर 40 से 50 की स्पीड में दौड़ लगाते हुए वाहनों को देखा जा सकता है। सड़कों के बीचों-बीच में तेज रफ्तार में दौड़ लगाने वाले यह वाहन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इस प्रकार की स्थिति अधिकतर उस समय बनती है जब शहर से होकर निकले बायपास, मेहगांव में दंदरौआ और गोरमी तिराहा, गोहद चौराहा, मालनपुर में यात्री बस चालक बसें रोककर सवारियां चढ़ाते व उतारते हैं। इस चक्कर में पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

आठ माह में सैकड़ों की मौत
ओवर स्पीड पर एक जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर तक 193 चालान किए गए हैं। इनसे 2.20 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया गया है। वहीं बीते आठ माह में जिले से होकर निकले नेशनल व स्टेट हाइवे पर 592 सड़क हादसे हो चुके हैं। जिनमें 156 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 647 लोग घायल हुए हैं। बता दें कि शहरी व नगरीय क्षेत्र में स्पीड जोन में निर्धारित गति सीमा से अधिक तेज वाहन चलाया, तो लाइसेंस को तीन माह के लिए सस्पेंड करवाने का प्रावधान है।

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फैक्ट फाइल







































































माहहादसेमौतघायल
जनवरी- 50- 17- 63
फरवरी- 56- 11- 53
मार्च- 45- 13- 53
अप्रैल- 83- 28- 58
मई- 72- 26- 89
जून- 51- 11- 48
जुलाई- 63- 13- 69
अगस्त- 63- 12- 90
सितंबर- 63- 16- 77
अक्टूबर- 46- 09- 47

स्थानीय लोगों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में बेलगाम दौड़ रहे वाहनों पर रोक लगनी चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह तेज रफ्तार पर सख्ती से लगाम कसे। ताकि शहरी क्षेत्र की घनी आबादी वाले इलाके से वाहन धीमी गति में गुजरें, जिससे हादसा होने की आशंका न रहे। वहीं तेज गति से वाहन चलाने वालों से सख्ती से निपटा जाए।