इसमेें सबसे ’यादा सिंध नदी केे बड़ेर घाट से रेत निकाली जा रही है। खास बात यह है कि उक्त कारोबार रात के अंधेरे में किया जा रहा है। पुलिस को भी मामले की जानकारी है पर कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं।
जिले के कई घाटों पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है पर सबसे ’यादा सेंवढ़ा अनुभाग में है। यहां लगातार चल रहे रेत के अवैध रूप से उत्खनन को लेकर कई बार लोगों ने शिकायतें की पर पुलिस, खनिज विभाग,राजस्व और वन विभाग के अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। बल्कि यूं कहें कि इनकी शह पर ही यह कारोबार चल रहा है।
यहां हो रहा उत्खनन रेत का उत्खनन सिंध नदी के बड़ेर घाट, छेंकुर घाट और कंदरपुरा से बेखौफ किया जा रहा है। यहां से परिवहन कर रेत से भरी ट्रॉलियों को भिंड जिले के दबोह लहार और फिर असवार होकर उत्तरप्रदेश के नदीगांव तक ले जाया जा रहा है हैरानी की बात तो यह है कि बीच मे बने थाने में पदस्थ अधिकारी समेत तमाम विभागों के अधिकारी भी देखते हैं पर कोई कार्रवाई नहीं करता।
तस्सल पटककर भागे मजदूर सोमवार देर रात जब रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा था तो सूचना मिलने पर पत्रिका टीम भी मौके पर जा पहुंची। कैमरे देखकर माफिया तो भागे ही उनकेे मजदूर भी सामान छोडक़र भाग निकले। बाद में कुछ रेत माफियाओं ने धमकी भी दी कि वीडियो फोटो बनाए तो नतीजा अ‘छा नहीं होगा।
इन रास्तों से जाती है रेत सेवढ़ा से भिंड जिले के दबोह जाने के लिए सबसे पहले सेंवढ़ा,आलमपुर और दबोह का थाना मिलता है। नदीगांव के लिए सेंवढ़ा से असवार,रावतपुरा और नदीगांव थानों की सीमा मिलती है पर पुलिस इस ओर ध्यान नहीं देती। बल्कि रेेत माफिया बेखौप होकर वाहनों में रेत भरकर प्रदेश समेत उप्र केे जिलों में सप्लाई करते हैं।
मेरे संज्ञान में नहीं है मामला &सोमवार रात हुए रेत केे अवैध उत्खनन व परिवहन की सूचना नहीं है। अब मामला मेरे संज्ञान में आया है मैं सख्त कार्रवाई करूंगा। आरएस राठौर, एसडीओपी, सेंवढ़ा