
कागजात लेकर दफ्तर के बाहर खड़े लोग
भिंड। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की चाहत में सोमवार को 50 से अधिक लोग अपने दस्तावेजों पर आरटीओं के दस्तखत के इंतजार में दिनभर खड़े रहे। लेकिन सुबह 10.11 बजे से पहुंचना शुरू हुए लोग देर शाम तक परेशान होते रहे। इसके बावजूद भी न तो किसी के दस्तावेज पर साइन हो पाए। और न ही लोगों को संबंधित अधिकारी की अनुपस्थिति की जानकारी दी गई। आरटीओ दफ्तर में आए दिन इसी प्रकार की समस्याओं के आम लोगों के जूझना पड़ता है। लोगों द्वारा इसकी शिकायत भी की जाती है। लेकिन इसे लेकर कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
यहां बता दें ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधी दस्तावेजों के वेरीफि केश व अधिकारी के साइन को लेकर प्रतिदिन 100.125 अपॉइंटमेंट दी जाती है। लेकिन आरटीओ आधिकारी के आए दिन अनुपस्थित रहने के चलते लोगों के दस्तावेजों पर न तो साइन हो पाते हैं। और न ही उनका वेरीफि केश हो पाता है। ऐसी स्थिति में लोगों को बारबार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए परेशान होना पड़ता है। आरटीओ दफ्तर के बाहर खड़े लोगों का कहना है कि वह लोग काम को लेकर कई बार दफ्तर के चक्कर काट चुके हैं। लेकिन अपॉइंटमेंट के टाइम पर आने के लिए कहकर बार बार लौटा दिया गया। इसके बाद आज अपॉइंटमेंट के समय पहुंचे तो दिनभर से आरटीओ अधिकारी के इंतजार में है बावजूद इसके काम नहीं हो पा रहा है। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए 500 रूपए खर्च किए थे। जो बेकार हो गए। अब दोबार से अपॉइंटमेंट लेनी पड़ेगी। यहां बता दें आरटीओ दफ्तर में इस प्रकार की अनियमितताएं आए दिन देखने को मिल रही है। जिसके चलते जिलेभर से दूर दूर से आए लोगों के काफ ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बाद भी कार्यशैली में कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है।
दलालों की सक्रियता के चलते लोगों की किया जा रहा परेशान
बता दें कि शहर के आरटीओ दफ्तर में आए दिन लोगों को इसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण आरटीओ कार्यालय में दलालों की सक्रियता है। ड्राविंग लाइसेंस या अन्य वाहन संबंधी कार्यों को लेकर जब लोग आरटीओ पहुंचते हैं। तो उनका काम नहीं हो पाता जिसके चलते लोगों को दलालों के पास जाकर काम की गुहार लगानी पड़ती है। दलाल इसके बदले मोटी रकम लेकर तत्काल काम करा देते हैं। इसी क्रम में सोमवार को लोगों ने बताया कि किसी दलाल के माध्यम से काम नहीं करा रहे हैं। जिसके चलते कागजों का वेरीफिकेशन को लेकर परेशानी आ रही है। जबकि दलालों के माध्यम से कराया जाता तो यह लोग आरटीओ के घर जाकर कागजातों पर दस्तखत करा लाते हैं।
सुबह 10 बेज से दफ्तर में बैठे हुए हैं। 12 बजे का अपॉइंटमेंट था। लेकिन आरटीओ उपस्थित नहीं है। जिसके बाद उनका इंतजार करते करते 4 बज चुके हैं। लेकिन उनकी मीटिंग ही खत्म नहीं हो पा रही है। आए दिन यही हाल रहता है।
विनोद सिंह भदौरिया, आवेदक
मैं दिन में 12 बजे दफ्तर पहुंची थी। जिसके बाद पूरा दिन गुजर गया काम नहीं हो पा रहा है। यदि आरटीओ नहीं है तो किसी और के पास प्रभार होना चाहिए था। हमारे ऑनलाइन अपौइंटमेंट के पैसे भी बर्बाद हो गए।
छाया भारद्वाज, आवेदक
Published on:
12 Oct 2020 11:13 pm
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