
हर महीने 10 फीसदी पंजीयन पर्चों की कीमत चुका रही रोगी कल्याण समिति
सूर्यप्रताप चौहान लहार. सिविल अस्पताल लहार में मरीज का पंजीयन पर्चा बनाने का ठेका विजन इन्वेस्ट टेक प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया है। लिहाजा 10 रुपए के पर्चे में चार रुपए 40 पैसे कंपनी को भुगतान किए जा रहे हैं। इसके अलावा जो पर्चे फ्री बनते हैं उनका भुगतान रोगी कल्याण समिति को करना पड़ रहा है। हर महीने औसतन कुल पर्चों के 10 फीसद पर्चे फ्री बनाए जा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक आधारकार्ड और बीपीएल कार्ड की छायाप्रति लेने के बाद ही पात्र मरीजों को फ्री पर्चे दिए जा रहे हैं। जबकि अस्पताल प्रबंधन के पास उन फ्री पर्चों के पात्र मरीजों की छाया प्रतियां ही उपलब्ध नहीं हैं।
रोगी पंजीयन पर्चे से जमा होने वाली धनराशि अस्पताल के विकास पर खर्ची जाती है। लहार के सिविल अस्पताल में रोगी पंजीयन पर्चे से हर महीने औसत तौर पर हो रही एक लाख रुपए की आमदनी में से 40 हजार से ज्यादा धनराशि कंपनी को अदा करनी पड़ रही है। ऊपर से प्रति माह फ्री बनाए जा रहे 1000 से ज्यादा पर्चों के एवज में रोगी कल्याण समिति को करीब 5600 हजार रुपए अलग से अदा करना पड़ रहा है।
- सफाई ये कि आधार और बीपीएल कार्ड की छाया प्रति लेने के बजाए सिर्फ देखकर ही बना देते हैं फ्री पर्चा
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं कि आखिरकार हर महीने इतनी बड़ी तादाद में रोगी पंजीयन पर्चे फ्री कैसे बनाए जा रहे हैं। साल भर में रोगी कल्याण समिति को फ्री पर्चों की राशि भुगतान किए जाने के रूप में करीब सवा लाख रुपए की चपत लग रही है। वहीं अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक रोगी का आधार या बीपीएल कार्ड देखकर ही फ्री पर्चा बनाया जा रहा है। ऐसे में ये कैसे सत्यापित होगा कि फ्री पर्चा बनवाने वाला रोगी पात्र है या नहीं। वह किसी अन्य व्यक्ति का कार्ड भी उपयोग कर सकता है।
-पर्चा बनाने वाले कर्मचारी से हुई पत्रिका रिपोर्टर की बातचीत के अंश
पत्रिका- फ्री पर्चा बनाने का क्या क्राइट एरिया है
कर्मी- 60 वर्ष से ऊपर के और बीपीएल धरकों के लिए फ्री पर्चे बनते हैं
पत्रिका- अपने पास इसका कोई प्रूफ है फ्री पर्चे वाले रोगियों का
कर्मी- अब वो फोटो कॉपी साथ नहीं लाते तो हम सिर्फ नंबर दर्ज कर लेते हैं
पत्रिका- अपने पास क्या है इस संबंध में, ऐसे तो कोई भी नंबर डाल दो
कर्मी- वैसे ऐसा करते तो नहीं हैं जिसका बीपीएल है उसी का बनाते हैं
पत्रिका- इतनी बड़ी संख्या में कैसे बन रहें हैं 1200 करीब पर्चे फ्री बन रहे हैं हर महीने
कर्मी- कागज कोई देता ही नहीं है, केलकुलेशन करके चढ़ा देते हैं, कंपनी वालों ने ऐसा कुछ दिया ही नहीं अपडेट करने के लिए
पत्रिका- रोगी कल्याण समिति का इस तरह 50 फीसद पैसा जा रहा है, इसका मतलब पैसा कंपनी के लिए ले रहे हैं रोगी कल्याण समिति पर तो अपेक्षित राशि पहुंच ही नहीं रही
कर्मी- अब जो है सो है दो साल से चला आ रहा है बराबर
मार्च माह में बनाए गए रोगी पंजीयन पर्चों का आंकड़ा
विभाग- शुल्क लेकर बने पर्चे फ्री बनाए गए पर्चे
ओपीडी- 9470 935
आईपीडी- 1061 315
एक्सरे- 59 02
कुल पर्चे- 10590 1252
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अप्रैल माह में बनाए गए रोगी पंजीयन पर्चों की स्थिति
विभाग- शुल्क लेकर बने पर्चे फ्री बनाए गए पर्चे
ओपीडी- 8359 909
आईपीडी- 1489 310
एक्सरे- 32 11
कुल पर्चे- 9940 1230
कुल धनराशि एकत्र हुई एक लाख एक हजार 450
कुल धनराशि जमा हुई एक लाख 1980, इसमें प्रति पर्चा चार रुपए 40 पैसे की दर से कंपनी को भुगतान किए जाने के बाद जो राशि बचेगी वह रोगी कल्याण समिति में जमा होगी। इसके बाद रोगी कल्याण समिति को कंपनी फ्री बनाए गए पर्चों का भुगतान अलग से करना होता है।
-दस्तावेजों की अब छाया प्रति भी ले रहे हैं।
पात्र रोगियों के फ्री पर्चे बनाए जाने के लिए इसी महीने से बीपीएल व आधारकार्ड की छाया प्रति लेने के निर्देश दिए हैं। स्टाफ के अलावा पात्र व्यक्तियों को ही फ्री पर्चे बनाए जा रहे हैं। फिर भी कोई गड़बड़ी की जा रही है तो मामले की तह में जाकर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
डॉ. धर्मेंद्र कुमार श्रीवास्तव, बीएमओ सिविल अस्पताल लहार
Published on:
15 Jun 2023 07:54 pm
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