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उद्योग नहीं लगाने पर 204 डिफॉल्टर चिन्हित, अब कार्रवाई का इंतजार

उत्पादन में लापरवाही करने पर निरस्त हो सकता है भूखंड आवंटन गत और चालू वर्ष में नोटिस देकर भूल रही रीको, बरती जा रही कोताही

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भिवाड़ी. सरकार की मंशा है कि उद्योग लगें। इसके लिए जमीन आवंटन सहित अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। रीको ने गत वर्षों में सैकड़ों भूमि आवंटन उद्योग लगाने किए लेकिन इसमें कई ऐसे आवंटी हैं जो कि विभाग के साथ लगातार धोखा कर रहे हैं। उनकी ओर से आवंटित भूमि पर उद्योग नहीं लगाए जा रहे। रीको ने गत वर्ष और वर्तमान में भी ऐसे डिफॉल्टर की सूची तैयार की है। गत वर्ष सूची तैयार होने के बाद नोटिस दिए गए लेकिन बाद में प्रक्रिया को रोक दियाा गया। इस बार भी मामला उठा, दोबारा से नोटिस दिए गए, कई डिफॉल्टर को दो नोटिस दिए गए। जिसके आधार पर 204 डिफॉल्टर की सूची तैयार हुई। इनमें से कई आवंटियों का भूखंड निरस्त हो सकता है क्योंकि उन्होंने आवंटन शर्तों के अनुसार निर्माण और उत्पादन शुरू नहीं किया है। रीको की किश्त भी नियमित जमा नहीं की हैं। रीको की ओर से डिफॉल्टर पर सख्ती का इंतजार किया जा रहा है। भूखंड आवंटन निरस्तीकरण की प्रक्रिया में देरी की जा रही है। ऐसे आवंटी जिनका उद्देश्य उद्योग लगाना नहीं है, उन पर कार्रवाई करने में विभागीय अधिकारी कोताही बरत रहे हैं।
उत्पादन शुरू नहीं करने और रीको की किस्त समय पर जमा नहीं होने पर 204 डिफॉल्टर की सूची तैयार की गई, सभी को 45 और 90 दिन का नोटिस दिया गया है। इस अवधि में संतोष जनक जबाव नहीं मिलने। उत्पादन शुरू नहीं होने। किस्त जमा नहीं कराने पर रीको आवंटित भूखंड को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। रीको में गत वर्ष नोटिस देने के इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। जिस पर मुख्यालय की निगरानी में नोटिस सहित अन्य जरूरी प्रकिया को पूरा किया गया। इसमें अधिकांश वे डिफॉल्टर शामिल हैं जिन्हें गत वर्ष भी नोटिस दिए गए। अब ऐसे डिफॉल्टरों को पहली श्रेणी में रखा गया था। उद्योग लगाने के लिए रीको से भूखंड खरीदा और रीको से ही ब्याज पर ऋण लिया। भूखंड और ऋण दोनों लेकर अभी तक प्लांट नहीं लगाया, उत्पादन शुरू नहीं किया और ऋण की किश्त भी समय पर जमा नहीं हो रही है। ऐसे निवेशकों पर रीको को सख्ती करनी चाहिए। क्योंकि इन पर बकाया की रकम लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही इनकी ओर से उत्पादन शुरू नहीं किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक माहौल प्रभावित हो रहा है। रीको के नियमानुसार बीते तीन-चार साल में रीको की किस्त जमा नहीं की है और तीन साल में नियमानुसार उत्पादन भी शुरू नहीं किया है, ऐसी स्थिति में औद्योगिक भूखंड को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। गत तीन चार वर्ष में नीलामी से भूखंड खरीदे। भूखंड खरीदते समय ऊंची बोली लगाई। रीको को भी जमीनों के अच्छे भाव मिले और औद्योगिक क्षेत्र में कुछ ही समय में जमीन के भाव आसमान तक पहुंच गए। नीलामी में भूखंड खरीने के बाद तीन साल में उसकी किस्त रीको को जमा करनी थी, रीको ब्याज सहित किस्त बना देता है, लेकिन बीच में कई किस्त टूट गईं। इस तरह तीन किस्त छूटने पर रीको की ओर से नोटिस देकर भूखंड आवंटन को निरस्त करने का प्रावधान है। समय पर पैसा जमा कराने के लिए रीको ने नोटिस भी दिए हैं। समय पर पैसा जमा नहीं होता है तब आवंटन निरस्त होने और रीको भूखंड को स्वयं के अधिकार में लेती है। जानकारों के अनुसार कई बार निवेशक औद्योगिक क्षेत्र में भाव बढऩे की उम्मीद से भूखंड खरीद लेते हैं। जबकि रीको इस शर्त पर भूखंड देता है कि तीन साल में निर्माण कर उत्पादन शुरू करने की रिपोर्ट देनी होगी। जबकि कई बार खरीदारों को इस नियम की जानकारी ही नहीं होती। उत्पादन की रिपोर्ट नहीं देने पर रीको भूखंड आवंटन को निरस्त कर देती है। गत वर्ष में जो खरीदार आए उसमें कुछ मामले ऐसे भी हैं। जबकि कुछ इस फिराक में है कि किसी तरह उत्पादन की रिपोर्ट देकर भूखंड को ऊंचे भाव में बेच दिया जाए। इस संबंध में रीको द्वितीय कार्यालय यूनिट हेड अखिल अग्रवाल को फोन किया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।