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वायु प्रदूषण रोकथाम ‘ब्रीथ ऑफ चेंज’ अभियान में नहीं दिखा असर

सफाई व्यवस्था को सुधारने सीएक्यूएम को तैयार करना था गाइडिंग डॉक्यूमेंट धूल और धुएं पर नियंत्रण स्वच्छ हवा के लिए जरूरी

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भिवाड़ी. वायु गुणवत्ता आयोग (सीएक्यूएम) ने राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (आरपीसीबी) के सहयोग से भिवाड़ी में ब्रीथ ऑफ चेंज अभियान की शुरुआत की है। अभियान सितंबर में शुरू किया गया था। अक्टूबर से भिवाड़ी में ग्रेप की पाबंदी लागू हैं। भिवाड़ी का एक्यूआई रेड जोन में हैं। इसके बावजूद इस पहल को लेकर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं। बहुआयामी पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में स्वच्छ हवा के लिए प्रणालीगत बदलाव लाना है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने साफ सफाई, रोड पर धूल नियंत्रण, पीएम 2.5 और पीएम 10 को रोकने के लिए दिल्ली एनसीआर के सभी शहरों को शामिल करते हुए गाइडिंग डॉक्यूमेंट (टूल किट) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की थी। हवा की सेहत को सुधारने के लिए बेहतर सफाई जरूरी है। अच्छी सफाई के लिए तकनीकि सलाह जरूरी है। आयोग में एनसीआर के सफाई और रोड निर्माण से जुड़े सभी निकाय, विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया, उनसे उनके क्षेत्र में की जा रही सफाई के तरीके और संसाधन के बारे में जानकारी ली गई। टूल किट को क्लीन एयर एशिया का भारतीय कार्यालय तैयार करेगा। गाइडिंग डॉक्यूमेंट ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस और स्थानीय जरूरतों को देखते हुए तैयार किया जाएगा। इस डॉक्यूमेंट को बनाने का उद्देश्य सडक़ पर उडऩे वाली धूल का नियंत्रित करना और वायु गुणवत्ता के लक्ष्य को प्राप्त करना है। बैठक में क्लीन एयर एशिया के प्रतिनिधियों ने प्रजेंटशन भी दिया। जिसमें दुनिया के कई देश यूरोप, मिडिल ईस्ट साउथ अमेरिका के सफाई मॉडल के बारे में दिखाया और बताया गया। क्लीन एयर एशिया के प्रतिनिधियों ने बताया कि दिल्ली के अलग-अलग भागों में किस तरह सफाई हो इसके बारे में विस्तृत अध्ययन किया है। इसी तरह पर भिवाड़ी सहित एनसीआर में आने वाले शहरों में किस तरह सफाई हो, इसके बारे में अध्ययन कर रिपोर्ट पेश की जाएगी, जिसके आधार पर सफाई मॉडल तैयार किया जाएगा। अभियान के तहत शहर के अधिकारियों और इंजीनियरों के लिए एक दिवसीय इंटरेक्टिव तकनीकी कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसमें नीमराना और भिवाड़ी के अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य संपूर्ण सडक़ विकसित करने पर रहा, ताकि धूल प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके और वायु गुणवत्ता में स्थायी सुधार लाया जा सके। सीएक्यूएम रिसोर्स हब को प्रशिक्षण और प्रदर्शन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। जो सड? डिजाइन सुधार, हरियाली बढ़ाने, सफाई प्रोटोकॉल मजबूत करने तथा पैदल यात्री, साइकिल और सार्वजनिक परिवहन केंद्रित प्रणाली को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित रहेगा। विशेषज्ञों ने बताया कि एनसीआर में वायु प्रदूषण का 18-38 फीसदी योगदान सडक़ों और खुले क्षेत्रों की धूल से और 20-41 प्रतिशत योगदान वाहनों के उत्सर्जन से होता है। ऐसे में धूल और धुएं पर नियंत्रण स्वच्छ हवा की दिशा में सबसे बड़ा कदम है। बैठक में सीएक्यूएम वैज्ञानिकों ने बताया कि ब्रीथ ऑफ चेंज कार्यशाला हमारे इंजीनियर और अधिकारियों को ठोस समाधान लागू करने के उपकरण देती है। उक्त पहल भिवाड़ी के लिए मानव-केंद्रित शहरी भविष्य की दिशा में बड़ा कदम है। हमारी स्ट्रीट ऑडिट एक्सरसाइज और तकनीकी क्षमता निर्माण सत्र अधिकारियों को इस तरह प्रशिक्षण देगा, जिससे सडक़ों को लोगों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ बनाया जा सके। यह आयोजन एनसीआर के नौ चिन्हित शहर जिनमें भिवाड़ी और नीमराना भी शामिल में किया गया है। जिसमें सडक़ धूल नियंत्रण के लिए तैयार की गई कार्ययोजनाओं को लागू करने के लिए तकनीकि रूप से समझाया जा रहा है।