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स्वास्थ मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा
इस बात का खुलासा स्वास्थ्य मंत्रालय की भोपाल कोविड पेशेंट कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें कहा गया है कि, 13244 मरीजों के संपर्क में 59374 थे। इनमें 50923 सिम्टोमेटिक (जिनमें लक्षण दिखे) थे। वहीं, 8884 मरीज हाई रिस्क श्रेणी में थे। स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों की मानें तो, जिन 6052 मरीजों की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री नहीं मिली है, उनसे शहर में हजारों लोगों को संक्रमण फैसले की संभावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
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8 दिन में 60 मरीज़ गवा चुके हैं जान
बता दें कि, राजधानी के कोविड अस्पतालों में मार्च महीने से लेकर 9 सितंबर तक 313 मरीज़ अपनी जान गवा चुके हैं। इनमें से 33 की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 30 मिनट से लेकर 24 घंटे के बीच हुई। जिला प्रशासन की कोविड पेशेंट डेथ लाइन लिस्ट के मुताबिक, कोरोना से मरने वालों में 2 मरीज ऐसे हैं, जिनकी मौत घर से अस्पताल के बीच हो गई।
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सिर्फ दो माह में आठ गुना बढ़े एक्टिव केस
प्रदेश में लगातार दूसरे दिन 1800 से ज्यादा (1869) नए संक्रमित मिले। कुल संक्रमित 79192 हो गए हैं। खास बात ये है कि एक जुलाई को 2625 एक्टिव केस थे, जो अब आठ गुना बढ़कर 17205 हो गए हैं। यह आंकड़ा अब तक का सर्वाधिक है। इनमें भी सर्वाधिक चार हजार एक्टिव मरीज इंदौर में हैं। मंगलवार को कुल 22 हजार 597 सैंपल जांचे गए, इसलिए संक्रमण दर में सोमवार की 8.2% की तुलना में कोई इजाफा नहीं हुआ। भी 8.2 फीसदी पर है।
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अब नहीं होगी घर-घर जांच, यहां मुफ्त होगा टेस्ट
राज्य सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की घर-घर जाकर जांच व्यवस्था को समाप्त कर दिया है, लेकिन ये भी स्पष्ट है कि, अब जो भी व्यक्ति फीवर क्लीनिक या कोविड के लिए अधिकृत हॉस्पिटल में सेंपल देकर टेस्ट कराना चाहेगा, उससे कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इसे लेकर भ्रम की स्थिति थी, जिसे मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने स्पष्ट किया। अभी भी कोविड सेंपल के टेस्ट और इलाज नि:शुल्क ही हो रहे हैं। केंद्र की आयुष्मान योजना के तहत जिन अस्पतालों में इलाज हो रहा है, वहां तो पैसा नहीं लगेगा। जहां आयुष्मान योजना लागू नहीं है, मसलन कोई शासकीय मेडिकल कॉलेज है, वहां मरीजों को बिल दिया जाएगा। वो अपनी स्वेच्छा से जितना चाहे बिल भुगतान कर सकता है।