विवि अनुदान आयोग की गाइडलाइन के अनुसार चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवार सीधे पीएचडी कर सकते हैं और उन्हें मास्टर डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी। ऑनर्स विद रिसर्च की डिग्री के लिए छात्र-छात्राओं को ग्रेजुएशन डिग्री के साथ 12 क्रेडिट का प्रोजेक्ट वर्क भी करना होगा। यूजीसी के अनुसार जो छात्र तीन साल में ग्रेजुएशन करना चाहते हैं, उन्हें 120 क्रेडिट प्राप्त करने होंगे।
यूजीसी के अनुसार स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचे को अधिसूचित किया है, जो छात्रों को प्रवेश और निकास के लिए कई विकल्प प्रदान करेगा। मौजूदा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को संशोधित करके प्रारूप विकसित किया गया है। कार्यक्रम के अनुसार, छात्र मौजूदा समय की तरह तीन साल के पाठ्यक्रम के बजाय केवल चार साल की ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे। ऑनर्स डिग्री भी दो श्रेणियों, ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च में प्रदान की जाएगी।
डिग्री देने के लिए दो पीएचडी गाइड जरुरी
ऑनर्स विद रिसर्च के लिए छात्रों के पास 7.9 सीजीपीए यानी 75 प्रतिशत अंक होना जरूरी है। यह डिग्री भी केवल वही कॉलेज करा सकेंगे। बीयू में करीब एक दर्जन से अधिक गाइड हैं। ऐसे में छात्र वहां से आसानी यह यह डिग्री ले सकेंगे।
रिसर्च ऑनर्स डिग्री का ऑप्शन
करिकुलम में अगर कोई छात्र रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो चार साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। छात्रों को तीन साल के यूजी कोर्स को पूरा करने के बाद ऑनर्स डिग्री मिलती है। एसके जैन, कुलपति, बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी का कहना है कि छात्र हित में जो उचित होगा वह किया जाएगा। ऑनर्स विद रिसर्च करने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय या कॉलेज के एक फैकल्टी मेंबर के मार्गदर्शन में शोध करना होगा। बीयू में इसकी तैयारी की जा रही है।