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ब्रेनवॉश के लिए आतंकी संगठनों का हथियार बना एआई का डीपफेक टूल

- आपस में संवाद के लिए आतंकी इस्तेमाल कर रहे डार्कनेट जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती का सबब

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प्रदेश में सक्रिय जेएमबी, पीएफआई, हिज्ब अत तहरीर सहित अन्य आतंकी संगठनों ने आतंकवाद की जड़ों को मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीकों का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। खबर है कि आतंकी संगठनों ने लोगों के ब्रेनवॉश के लिए एआई के डीपफेक टूल को प्रमुख हथियार बनाया है। दरअसल ब्रेनवॉश करने के लिए आतंकी सबसे पहले जेहादी साहित्यों को टारगेट व्यक्ति तक देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होता बल्कि आतंकी अब डीपफेक टूल से वीडियो बनाकार लोगों को टारगेट कर रहे हैं। आतंकियों के आका खुद डीपफेक से पहले कंटेंट तैयार करवाते हैं उसके बाद उन्हें प्रदेश के अपने गुर्गों तक भेज देते हैं जिसे टारगेट व्यक्ति को दिखाकर आसानी से ब्रेनवॉश किया जा रहा है।

सुरक्षा एजेंसियों तैयार किया मॉनिटरिंग प्लान

एआई के डीपफेक टूल का आतंकियों की ओर से किए जा रहे दुरूपयोग का इनपुट मिलने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है। साथ ही निगरानी के लिए विशेष प्लान पर काम किया जा रहा है। दरअसल नजर इस बात पर रखी जा रही है कि धर्म विशेष को लेकर जो भी सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है आखिर वो वायरल हो कहा से रहा है। इसको लेकर पूरे प्रदेशभर में मॉनिटरिंग तेजी से की जा रही है।

आतंकी संवाद के लिए कर रहे डार्कनेट का इस्तेमाल

सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिर्फ चुनौती डीपफेक का कटेंट ही नहीं है बल्कि डार्कनेट भी बड़ी समस्या है। क्योंकि प्रदेश में सक्रिय आतंकी संगठन आपसी संवाद के लिए डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। डार्क नेट में विभिन्न कम्युनिकेशन एप जैसे रॉकेट चैट, थ्रीमा सहित अन्य एप उपयोग में लिए जा रहे हैं। इसके इस्तेमाल से ट्रेसिंग में पुलिस को कठिनाई होती है। क्योंकि डार्क वेब पर नो कंटेंट रेग्युलेशन पॉलिसी होती है। इसी के साथ अगर ट्रेसिंग हो भी जाती है तो पता चलता है कि पूरी गैंग विदेश से ऑपरेट हो रही है।

भोपाल और मालवा क्षेत्र सबसे संवेदनशील

राजधानी भोपाल सहित मालवा का क्षेत्र आतंकियों के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। क्योंकि ज्यादातर आतंकि इन्हीं क्षेत्रों में आकर पनाह लेते हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की इन क्षेत्रों में पैनी निगाहें बनी हुई है। साथ ही एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई भी भड़काऊ कटेंट सोशल मीडिया में चल रहा है। तो जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें उसे रोकना चाहिए और उसकी रिपोर्ट करना चाहिए।

ऑनलाइन चलने वाले आतंकी संगठन पर सबसे बड़ी स्ट्राइक

अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन हिज्ब उत तहरीर ऐसा संगठन है जो पूरा ऑनलाइन चलता है। इस संगठन पर 09 मई 2023 को एनआईए और एटीएस ने संयुक्त रूप से अब तक की देश की सबसे बड़ी स्ट्राइक की थी। जिसमें एचयूटी के 10 संदिग्धों को भोपाल और एक को छिंदवाडा़ से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा हैदराबाद से भी पांच आतंकी गिरफ्तार किया गए थे।

निगरानी जारी है

सोशल मीडिया सहित आधुनिक तकनीक के माध्यम से असामाजिक तत्वों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

अनुराग, आईजी, इंटेलिजेंस