तालाब में नहीं बनेगा कॉलम छोटे तालाब के जलीय जीवों के संरक्षण के लिए आर्च ब्रिज को सपोर्ट देने के लिए तालाब के बीच कॉलम खड़ा नहीं किया जाएगा। स्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पहले सिविल इंजीनियर ने इस कॉलम की जरूरत बताई थी लेकिन आपत्ति के बाद इस प्रावधान का विकल्प खोजा गया। ब्रिज के सपोर्ट के लिए दो कॉलम पर लोहे के लंबे गर्डर रखे गए जिस पर 5-5 मीटर की दो सड़कें बनेंगी। इस ब्रिज से भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा जबकि छोटे चार पहिया वाहन गुजर सकेंगे। इस ब्रिज के निर्माण में तालाब के ईकोसिस्टम का खास ध्यान रखा गया है। इसलिए बीच में कोई पिलर नहीं बनाया गया है ताकि इसके पानी में रहने वाले जीवों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।
इन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ आर्च ब्रिज पर ट्रेफिक शुरू होने से इतवारा, बुधवारा, पातरा से पॉलीटेक्निक चौराहे तक आने के लिए वाहनों को कमलापति पार्क का चक्कर काटने से मुक्ति मिल जाएगी। आर्च ब्रिज के जरिए ये वाहन काली मंदिर पातरा और गिन्नौरी से होते हुए पॉलीटेक्निक चौराहे के बेहद नजदीक फिरदौस पार्क तक पहुंच सकेंगे। इससे दो किमी की दूरी कम होगी और कमलापति पार्क के सामने बनने वाले बॉटल नेक की समस्या से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।
फैक्ट फाइल—– ब्रिज की लंबाई-210 मीटर आर्च की लंबाई-150 मीटर
ब्रिज रूट की चौड़ाई- 10 मीटर फुटपाथ की चौड़ाई- 2 मीटर कुल लागत- 39 करोड़ 80 लाख