लंबे समय से यदि छोटे बच्चों में खांसी है तो उसे न करें नजरअंदाज
भोपाल। छोटे बच्चों में अक्सर मौसम बदलने के साथ खांसी-जुकाम जैसी शिकायतें पाई जाती हैं। कई बार उनमें खांसी लंबे समय तक रहती है। सुबह-शाम के समय खांसी तेज हो जाती है। छोटे बच्चों में यदि यह लंबे समय तक है तो नजरअंदाज न करें। डॉक्टरी सलाह लें। डॉक्टर्स का कहना है कि छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी नाजुक होता है। मौसम के छोटे-मोटे बदलाव के कारण भी अक्सर छोटे बच्चों को सर्दी-खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं होती रहती हैं.।छोटे बच्चे खांसी के कारण कई बार बहुत परेशान हो जाते हैं, जिससे वे ना तो सही प्रकार खाना खा पाते हैं और ना ही ढंग से सो पाते हैं।
बच्चों में होने वाली सूखी खांसी कई बार खुद ही आसानी से ठीक हो जाती है, लेकिन खांसी को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए क्योंकि कई बार खांसी बच्चों के लिए गंभीर स्थिति बना सकती है। छोटे बच्चों को खांसी की दवाई देते वक्त सावधान रहने की जरूरत होती है, क्योंकि कफ सिरप से बच्चों में साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। आज आपको कुछ नेचुरल कफ सिरप के बारे में बता रहे हैं, जिनके इस्तेमाल से आपके बच्चों को तुरंत आराम मिल जाएगा। छोटे बच्चों में खांसी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे एलर्जी, पेट के कीड़े, परटूसिस(काली खांसी), टीबी और कैंसर के प्रारम्भिक संकेत है।
खांसी को ऐसे पहचानें
एलर्जी
यदि बच्चे को हर साल किसी विशेष मौसम में लंबे समय तक खांसी रहती है तो उसका कारण एलर्जी हो सकता है। खांसी शाम या रात में ज्यादा रहती है।
पेट के कीड़े
छोटे बच्चों में पेट में कीड़ों की शिकायत पाई जाती है। ये भी लंबे समय तक खांसी का कारण बन सकते हैं। पेट के कीड़ों के लार्वा रक्त से फेफड़ों में चले जाते हैं ।
परटूसिस (काली खांसी)
यह एक जीवाणु संक्रमण होता है। इसमें सामान्य खांसी जैसे ही लक्षण होते हैं, लेकिन रात के समय खांसी ज्यादा तेज हो जाती है। बच्चा खांसते-खांसते उल्टी करने लगता है।
टीबी
लगातार खांसी जो खत्म ही नहीं हो रही है। खांसी के साथ यदि बुखार रहता है, सीने में दर्द और गले में गांठे हैं तो यह टीबी के लक्षण हैं।
बचाव के उपाय
डॉ. आर.के. गुप्ता का कहना है कि एलर्जी वाली खासी में एलर्जन से बचाव रखें। घर को साफ-सुथरा रखें। पेट में कीड़े न हों इसके लिए पानी उबालकर पीएं। सब्जी व फलों को धोकर ही बच्चों को खाने को दें। परटूसिस जैसी खांसी से बचाव के लिए बच्चों में वेक्सीनेशन बेहद जरूरी है।