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MP में सर्दी का कहर, हाइपोथर्मिया मेडिकल इमरजेंसी घोषित, केंद्र की एडवायजरी के बाद ALERT

Hypothermia Medical Emergency Declared: केंद्र ने जारी की एडवायजरी, एमपी में अस्पताल अलर्ट मोड पर, हाइपोथर्मिया मेडिकल इमरजेंसी घोषित, जानें क्या है हाइपोथर्मिया क्यों घोषित किया गया अलर्ट

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Hypothermia Medical Emergency Declared in MP

Hypothermia Medical Emergency Declared in MP(Photo: FB)

Hypothermia Medical Emergency Declared: मध्य प्रदेश में ठंड का कहर बरकरार है। दिन और रात के पारे में 21 डिग्री से ज्यादा का अंतर दर्ज किया गया है। वहीं मौसम विभाग के शीतलहर के अलर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर के अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों को अलर्ट मोड पर रखा है। केंद्र की ओर से एडवायजरी जारी की गई है, जिसमें एमपी में हाइपोथर्मिया मेडिकल इमरजेंसी घोषित की गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए कॉलेजों के डीन, सीएमएचओ और सिविल सर्जनों को विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। एनडीएमए की ओर से जारी किए गए ये निर्देश पब्लिक हेल्थ एडवायजरी के आधार पर तय किए गए हैं।

दरअसल शीतलहर के दौरान हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट जैसी बीमारियां जानलेवा साबित हो सकती हैं। ऐसे में जागरुकता और तुरंत इलाज के साथ ही ज्यादा जोखिम वाले समूहों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है।

यहां पढ़ें NDMA की एडवायजरी

  • हाइपोथर्मिया को मेडिकल इमरजेंसी माना जाए, लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल जाएं।
  • 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग, 5 साल से छोटे बच्चे, दिल और सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को और बेघर लोगों को इसका बड़ा खतरा है।
  • फ्रॉस्टहाइट में सुन्नता, सफेदी या काले छाले दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने को कहा गया है।
  • अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं, जरूर दवाएं और कंबल के साथ ही उपकरण भी पर्याप्त संख्या में रखने को कहा गया है।
  • ठंड से बचने, इस दौरान यात्रा न करने की सलाह दी है।
  • संतुलित आहार लेने, विटामिन सी युक्त फल-सब्जियां और गर्म तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी है।

दिन रात के पारे में 21 डिग्री का अंतर सेहत पर पड़ सकता है भारी

राजधानीभोपाल में दिन का तापमान जहां 26 डिग्री से ज्याद दर्ज किया गया, वहगीं रात का तापमान 5 डिग्री रहा। दिन और रात के पारे में 21 डिग्री का ये अंतर बड़ा और सेहत के लिए खतरनाक है। डॉक्टर्स का कहना है कि ये स्थिति चिंताजनक है। ये स्कीन एलर्जी की समस्या भी पैदा कर सकता है।

क्या है हाइपोथर्मिया?

हार्ट और अस्थमा विशेषज्ञडॉ. विनोद कोठारी का कहना है कि हाइपोथर्मिया वह स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान सामान्य 37 डिग्री सेल्शियस से खतरनाक स्तर पर कम होने लगता है। ये 35 डिग्री सेल्शियस तक या उससे भी नीचे चला जाता है। यह स्थिति तब होती है, जब शरीर जितनी गर्मी पैदा करता है, उससे अधिक तेजी से गर्मी शरीर से खोती जाती है। ऐसी स्थिति में दिल, दिमाग और अन्य अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। तुरंत इलाज न मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है। इसलिए इसे मेडिकल इमरजेंसी घोषित किया गया है।