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भोपाल की रहने वाली भावना ने फतह की एवरेस्ट की चोटी

locationभोपालPublished: May 23, 2019 01:10:15 pm

Submitted by:

hitesh sharma

सुबह 8 से 10 के बीच दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा

bhawna dehriya climb on mount Everest peak

bhawna dehriya climb on mount Everest peak

भोपाल। शहर में रहने वाली 27 साल की भावना डेहरिया दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवेरेस्ट (8848 मी) को फतह करने वाली मध्यप्रदेश की पहली व सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक बन गई हैं। 22 मई की सुबह 7 से 10 के बीच भावना ने दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर पर सबमिट के साथ भारत का तिरंगा लहराया। भावना मध्यप्रदेश के तामिया, जिला छिंदवाड़ा की रहने वाली है और भोपाल से फिजिकल एजुकेशन में एमपीईडी मास्टर्स कर रही हैं। उसके पिताजी शिक्षक हैं। भावना के अलावा परिवार में एक भाई और तीन बहने हैं। एशियन ट्रेकर्स के संजया बराल काजू ने पत्रिका को फोन के जरिए बताया कि मप्र की भावना डेहरिया ने 22 मई की सुबह 7 से 10 के बीच माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराकर अभियान खत्म किया है। वे वापस तीन दिन में नीचे लौटेंगी। भावना ने 19 मई को चढ़ाई शुरू की थी।

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mount everest peak” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/05/23/4_1_4610598-m.jpg”>एक अप्रेल को निकली थी तामिया से

बहन नूतन डेहरिया ने बताया कि भावना मिशन के लिए एक अप्रेल को तामिया से भोपाल गई थी। यहां से 2 अप्रेल को नई दिल्ली रवाना हुई। फिर 3 अप्रेल को नई दिल्ली से काठमांडू पहुंची। वहां से नेपाल की एशियन ट्रेकिंग प्रायवेट लिमिटेड कंपनी के बैनर तले पूरी टीम के साथ 6 अप्रेल को माउंट एवरेस्ट के लिए चढ़ाई शुरू की। कंपनी ने माउंट एवरेस्ट तक पहुंचने का समय 21 मई तक तय किया था लेकिन मौसम खराब होने के कारण उसे मिशन 22 मई को खत्म किया। इस ग्रुप में मध्यप्रदेश से वे इकलौती प्रतिभागी थी।
bhawna dehriya climb on mount Everest peak
6993 मी. ऊंची चढ़ाई का अभियान 27 दिन में किया था पूरा

बता दें कि भावना की रुचि पर्वतारोहण में काफी समय से थी। उन्होंने माउंटेनियरिंग का कोर्स किया है। उन्होंने 16 जून 2017 को 16 दिन की कठिन चढ़ाई के बाद हिमालय क्षेत्र में द्रौपदी का डंडा नाम की पहाड़ी पर तिरंगा लहराया था, जो 5 हजार 670 मीटर ऊंची है। फिर भावना ने 2018 में 6 से 31 अगस्त तक भारत और नेपाल की महिला पर्वतारोहियों के एवरेस्ट मिशन की रजत जयंती पर 18 सदस्यीय दल के साथ माउंटेनियरिंग फाउंडेशन ‘माउंट मनिरंग’ अभियान में भाग लिया था। 6993 मीटर ऊंची चढ़ाई का यह अभियान 27 दिन में सफलतापूर्वक पूरा किया था।
पिछले साल आर्थिक तंगी के कारण नहीं जा पाई थी मिशन पर
पिछले साल ही माउंट एवरेस्ट मिशन के लिए भावना का जाना तय हुआ था, लेकिन आर्थिक दिक्कतों के कारण नहीं जा पाई थीं।

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सीएम ने दिए थे पैसे

इस मिशन के लिए भावना को 27 लाख की जरूरत थी। इसके लिए छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण के दौरान सीएम कमलनाथ ने भावना को अभियान के लिए कुछ पैसे दिए थे। खेल विभाग ने भी आठ लाख रुपए की मदद की। जबकि भारत रिफायनरी ने भी मिशन के लिए स्पॉंसर किया था।

साधारण परिवार से हैं भावना
बहन नूतन ने बताया कि उनके पिता मुन्नालाल डेहरिया शासकीय स्कूल में शिक्षक हैं। मां उमादेवी गृहणी हैं। भावना की तीन अन्य बहनें और एक भाई भी है। जिनमें भावना का नंबर दूसरा है। माता-पिता ने अपने बच्चों को बराबरी से पढ़ा-लिखा कर अपना मनपसंद करियर चुनने की आजादी दी। इसी के चलते भावना पर्वतारोही बन सकी है।

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