केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, बीते महीने में हुए अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस के बाद केंद्र सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि किसी भी मेट्रो परियोजना को सिर्फ डीपीआर के आधार पर ही मंजूरी नहीं देनी है। अधिकारी के मुताबिक, अब सरकार शहरी परिवहन के लिए मेट्रो को सबसे अंतिम विकल्प मान रही है।