scriptगणेश विसर्जन पर दर्दनाक हादसे को लेकर पीड़ितों ने कही ऐसी बात: video देखकर आपकी भी आंखें हो जाएंगी नम | bhopal boat capsize incident victims words makes tears in your eyes | Patrika News
भोपाल

गणेश विसर्जन पर दर्दनाक हादसे को लेकर पीड़ितों ने कही ऐसी बात: video देखकर आपकी भी आंखें हो जाएंगी नम

गमगीन माहौल के बीच नाराज परिजनों ने इन्हें बताया दोषी…

भोपालSep 13, 2019 / 03:59 pm

दीपेश तिवारी

05.png
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार की सुबह गणेश विसर्जन के दौरान छोटे तालाब में हुए हादसे में 12 लोगों की मौत बात सामने आ रही है, जबकि अब तक 11 की ही पुष्टि हो सकी है। ये हादसा गणपति विसर्जन के दौरान भोपाल के घटालपुरा के पास नाव के पलटने हुआ।
वहीं मृतकों के परिवार इस दौरान अत्यधिक गमगीन स्थिति में है। वहीं जिला प्रशासन की कार्रवाई को लेकर भी अत्यधिक नाराज बने हुए है। इस नाराजगी के चलते एक पीडित ने इस पूरे मामले में शासन को जिम्मेदार बना दिया।
चालान के लिए तैयार, लेकिन जिसे तैरना नहीं आता उसे नाव में क्यों भेजा…
दरअसल पत्रकारों से चर्चा के दौरान गमगीन माहौल में परिजनों का आपा उस समय खो गया, जब उनसे किसी ने इस हादसे की वजह पूछ ली।
04.png
इतना सुनते ही एक पीड़ित ने सीधे तौर पर शासन को इस घटना का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि जब शासन बाइक पर हैलमिट नहीं लगाने वाले पर तक बीच सड़क पर चालान काट सकता है।
तो जब ये सभी गणेश विसर्जन को जा रहे थे, उस समय जिन लोगों को तैरना नहीं आता था, उनसे पूछकर उन्हें शासन के नुमांदों ने क्यों नहीं रोका। उनका कहना था यदि शासन केवल अपने फायदे की बात न सोचते हुए इस तरफ भी ध्यान देती तो ये हादसा नहीं होता।

ऐसे समझें पूरा मामला…
दरअसल गणपति विसर्जन के दौरान भोपाल नाव हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है। हादसे की खबर सुनते ही परिजन भागे-दौड़े घटना स्थल पर पहुंचे। वहां सभी अपनों को ढूंढ रहे थे।
उसे बाद सभी का शव पीएम के बाद पिपलानी क्षेत्र के पुराने 1100 क्वार्टर में लाया गया। पूरे परिसर में परिजनों की चीत्कार से लोगों के रोंगटे खड़े थे। हर के मन में यही सवाल था कि बप्पा तूने ये क्या किया।
पिपलानी क्षेत्र के पुराने 1100 क्वार्टर से जैसे लोगों की अर्थियां उठनी शुरू हुईं, परिजनों की दहाड़ से पूरा इलाका दहल गया।

कल तक जहां लोग खुशी-खुशी अपने घरों और कॉलोनियों बप्पा को इस वायदे के साथ विदा किया था कि अगले बरस तू जल्दी आना। लेकिन आज हर तरफ गमों का पहाड़ टूटा था। इस हादसे में बारह घरों के सपने उजड़ गए हैं।
किसी ने बेटा खोया है, तो किसी ने भाई, किसी के घर का इकलौता चिराग बुझ गया। कोई कह रहा है कि वहीं तो मेरा सहारा था। अब कैसे और किसके सहारे जिऊंगा। पड़ोसी ढाढस बंधाने के सिवा कर भी क्या सकते थे।
परिजनों की चीत्कार सुन सभी की आंखें नम थीं। हर कोई यह जनना चाहता था कि ये सब कैसे हो गया। कोई तो बताए। सरकारी अमला अपनी लापरवाही पूरी तरह खामोश है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो