
भोपाल/ नगर निगम ने शहरभर में पार्किंग से सालाना तीन करोड़ रुपए की कमाई का लक्ष्य तय किया, लेकिन मॉनीटरिंग की व्यवस्था ही नहीं की। स्थिति ये रही कि ठेका एजेंसी माइंडटेक ने काम ही पूरा नहीं किया। शहर की पार्किंग स्थानीय माफियाओं के हाथ में चली गई। अब भी यही स्थिति है। नगर निगम की पार्किंग सेल के पास कोई टीम ही नहीं है। इसका कोई कमांड सेंटर भी नहीं है। जिस जीआईएस आधारित पार्किंग निगरानी के दावे किए थे उसके लिए ठेका कंपनी ने भी कोई व्यवस्था नहीं की।
इसका पूरा नुकसान निगम के साथ ही अव्यवस्थित पार्किंग के तौर पर आमजनता को हो रहा है। गौरतलब है कि अभी इस पूरी सेल में दो से तीन कर्मचारी है। उपायुक्त और अपर आयुक्त को इसका सह प्रभार दिया हुआ है। यानि निगम का अमला केबिन से कभी कभार ही निकलता है। अफसर तो जांच करते ही नहीं है। ऐसे में शहरभर में अवैध पार्किंग का गोरखधंधाा फलफुल रहा है। माइंडटेक कंपनी खुद पार्किंग शुल्क की अवैध वसूली करने लगी है तो जहां काई व्यवस्था नहीं है वहां पार्किंग माफिया अवैध वसूली कर रहा है। लोगों के वाहन असुरक्षित है, उनसे मनमाना पैसा लिया जा रहा और उन्हें अपमानित भी किया जा रहा है।
यही वजह है कि तीन साल बाद भी शहर में माइंडटेक ने महज 22 पार्किंग ही विकसित की है, जबकि शहर में इस समय करीब 80 जगह पर अवैध पार्किंग का गोरखधंधा चल रहा है। हर माह एक करोड़ रुपए की अवैध कमाई पार्किंग से की जा रही है। अपर आयुक्त मेहताबसिंह गुर्जर का कहना है कि हम पार्किंग व्यवस्था में कसावट के साथ ही अवैध वसूली पर रोक लगाने लगातार संबंधितों से बैठक कर रहे हैं। कार्रवाई भी होगी।
Published on:
25 Nov 2019 10:41 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
