बीते 20 वर्षों से एस. कुमार्स प्रोजेक्ट महेश्वर बांध का काम कर रही थी। लेकिन पिछले पांच वर्षों से काम बिलकुल ठप्प था।इसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। समिति ने परियोजना के लिए शर्त रखी कि एस. कुमार्स निवेश पूंजी की रकम 6 करोड़ व 1100 करोड़ के कर्ज की राशि की व्यवस्था करंे। इस संबंध में 8 सितंबर 2015 को दिल्ली में वित्तीय संस्थाओं व बैंकों की महत्वपूर्ण बैठक हुई।इसमें निर्णय लिया गया कि एस. कुमार्स को 2 अगस्त 2015 छूट दे दी जाए, लेकिन तय सीमा तक कंपनी राशि की व्यवस्था करने में असमर्थ रही।