
राजीव रंजन रैना@रायपुर. शहर की प्रमुख सडक़ों पर आवारा मवेशियों का राज चल रहा है। बीच चौक चौराहों पर मवेशियों का झुंड बैइा रहता है या धमाचौकड़ी करता रहता है। इस बीच अगर जरा भी सावधानी हटी तो वाहन चालक या पैदल चलने वाले दोनों का घायल होना तय है। इन मवेशियों के कारण शहर में आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। शहर में बीचोबीच संचालित डेयरियों को गोकुल नगर में शिफ्ट करने की योजना धरातल में नही उतरी है, जिसका हरजाना शहरवासियो को भुगतना पड़ रहा है।
भोपाल। शहर की करीब पांच हजार किमी लंबी सड़कों पर इन दिनों तीन हजार से अधिक आवारा मवेशी घूम रहे हैं। रोज वाहन चालक इनसे टकराकर मौत के आगोश में समा रहे हैं। इन हादसों में वाहन चालकों के साथ मवेशी भी घायल हो जाते हैं और कई बार उनकी मौत हो जाती है। नया मामला कटारा हिल्स थाना क्षेत्र कहा है जहां पर बुधवार रात में बाइक से घर जा रहे एक युवक गाय से टकरा गया।
टकराने से इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई है। पिछले १० दिन में मवेशी के कारण दो लोगों की मौत हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम बर्रई निवासी सुनील पिता तेज नारायण साहू (३० ) कपड़े की दुकान पर काम करता था। सोमवार की रात ११ बजे बाइक से वो दुकान से वो घर जा रहा था, इस दौरान जैसे ही वो कटारा हिल्स रोड पर गया। वहां पर एक गाय से टकरा गया। इसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया। आस-पास के लोग तत्काल दौड़कर मौके पर पहुंचे और युवक को अस्पताल भेजा। इसके बाद लोगों ने देखा गाय को भी चोट लगी थी। तत्काल लोगों ने उसे भी नगर निगम की गाड़ी से इलाज के लिए अस्पताल भर्ती कराया। वहां पर इलाज के दौरान गाय की मौत हो गई। इधर युवक ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। युवक के मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
मवेशी के कारण १० दिन में दो लोगों की मौत
कटारा हिल्स में युवक की मौत कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले बागमुलिया में २१ अगस्त को विद्युत विभाग के दैनिक वेतन भोगी राजू पिता नारायण गामा की भी आवारा मवेशी के कारण मौत हो गई। स्थिति ये है कि पिछले आठ महीने में मवेशी के कारण १२ लोगों की मौत हो चुकी है। औसतन अगर देखा जाए तो हर महीने एक आदमी की मौत हो रही है लेकिन इसके बाद भी नगर निगम का अमला मवेशियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
निगम की लापरवाही के कारण अनाथ हो गया मेरा बेटा
मृतक की पत्नी रानी साहू ने बताया कि उनका एक बेटा है। पति ही घर का खर्चा उठाते थे। अब उनके गुजर जाने के बाद पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। खाने के भी लाले पड़ गए हैं। पीडि़त महिला रानी ने आरोप लगाया कि निगम अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही उनके पति की जान गई है। यदि निगम अधिकारी मवेशियों को पकड़ कर गौशाला या कांजी हाउस छुड़वाएं तो न ऐसे हादसे हों और न ऐसे किसी के घर का चिराग बुझे। इनकी लापरवाही के कारण मेरा दो साल का बेटा अन्नू अनाथ हो गया। मुझे मजदूरी कर अपने बच्चे का लालन-पालन करना पड़ेगा।
Published on:
31 Aug 2018 08:57 am
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