वैसे तो प्राइवेट स्कूलों के नया सत्र 1 अप्रैल से शुरू करने का आदेश है लेकिन कई स्कूल मार्च में नए सत्र शुरू कर चुके हैं। इसके लिए स्कूलों ने स्टूडेंट को प्राइवेट प्रकाशकों की महंगी किताबों की सूची थमा दी है। ये किताबें एनसीईआरटी की पुस्तकों की तुलना में 10 प्रतिशत तक महंगी हैं।
हाल ये है कि एनसीईआरटी की जो किताब 50 रुपये की है उसी विषय की प्राइवेट प्रकाशक की पुस्तक 400 रुपये में मिल रही है। एक प्राइवेट स्कूल की चौथी क्लास का एनसीईआरटी की छह किताबों का सेट जहां करीब 400 रुपये में आ रहा है वहीं एक अन्य प्राइवेट स्कूल का प्राइवेट प्रकाशकों का उसी क्लास का सेट चार हजार का पड़ रहा है।
यह भी पढ़ें— बंदर फैला रहे खतरनाक बीमारी, एमपी में पसरा रोग, दो बच्चों की दर्दनाक मौत
स्टेशनरी दुकानों पर दोहरी लूट मची है। खास प्रकाशकों की पुस्तकें जिन खास दुकानों पर मिल रहीं हैं वे कापियां भी पकड़ा रहे हैं। कुछ स्कूलों में प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकों के साथ एनसीईआटी की किताबें भी चलाई जा रही हैं लेकिन ये अभी बाजार में ही उपलब्ध नहीं हैं।
इस संबंध में स्टेशनरी दुकान संचालकों को कहना है कि एनसीईआरटी की कुछ किताबें उपलब्ध ही नहीं है। कुछ का पाठ्यक्रम बदल गया है और नई किताबें अप्रैल में आएंगी। खास बात यह है कि अभी तक केवल 30 प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों ने ही शिक्षा विभाग को अपनी किताबों की सूची सौंपी है।