16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्यार ने पहुंचाया टॉप पर, स्टूडेंट ने बताया स्ट्रेस दूर करने का जबर्दस्त फंडा

शॉर्ट नोट्स तैयार करेंगे तो एग्जाम से पहले रिवाइज करना होगा आसान, अंकों से नहीं, टॉपर्स ने कहा कि अंकों से नहीं बल्कि विषय से प्यार ने दिलाई सफलता

2 min read
Google source verification
result_cbse_bhopal.png

टॉपर्स ने कहा कि अंकों से नहीं बल्कि विषय से प्यार ने दिलाई सफलता

भोपाल. सीबीएसई का 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। 12वीं में दिल्ली पब्लिक स्कूल के तनय निगम ने ह्यूमैनिटीज में 99 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉप किया। 10वीं में प्रकम्य सिद्ध बालोट और सयाली देशपांडे ने 99.4 प्रतिशत लाकर सिटी में संयुक्त रूप से टॉप किया। निष्ठा गुप्ता ने 99.2 प्रतिशत अंक हासिल किए। देवांशी श्रोत्रिय को 98 प्रतिशत अंक मिले। टॉपर्स ने कहा कि अंकों से नहीं बल्कि विषय से प्यार करने से हमें ऐसी सफलता मिली।

स्ट्रेस दूर करने का सबसे अच्छा उपाय
अव्वल रहे तनय निगम ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के लिए कोई स्पेशल स्ट्रेटजी नहीं बनाई थी। स्ट्रेस दूर करने गेम्स खेलता था। तनाव से दूर रहकर ही मुझे 99 प्रतिशत अंक हासिल करने में सफलता मिली। मैंने खुद के नोट्स भी तैयार किए थे।

तनय के मुताबिक वे आर्केयोलॉजिस्ट के रूप में कॅरियर बनाना चाहते हैं। वे कहते हैं कि दिल्ली यूनिवर्सिटी या बीएचयू में एडमिशन लूंगा। बचपन से ही साइंटिफिक की बजाए कल्चरल साइट्स ज्यादा पसंद रही है। हॉलीवुड फिल्म द ममी देख इतिहास में रुचि जागी, इसलिए ह्यूमैनिटीज चुना। हर दिन 6 से 8 घंटे पढ़ाई की। इस दौरान गेम्स खेलता था और सोशल मीडिया भी उपयोग भी करता था। मेरी मम्मी नमिता हाउसवाइफ और पिता मधुसूदन निगम बिजनेसमैन हैं।

पेरेंट्स का काफी सपोर्ट
10वीं में अव्वल रहीं सयाली देशपांडे ने बताया— मैंने 4 से 6 घंटे नियमित पढ़ाई करता था। मैं नेशनल लेवल की चेस प्लेयर रही हूं। मेरे पापा इलेक्ट्रिक इंजीनियर और मम्मी डॉक्टर हैं। मेरे पेरेंट्स का मुझे काफी सपोर्ट रहा, उन्होंने हमेशा मोटिवेट किया।

लिख-लिख कर तैयारी की
मैंने हर सब्जेक्ट को समय दिया, जो टॉपिक टफ लगता था, लिख-लिख कर तैयारी करती थी। शॉर्ट नोट्स तैयार किए। मुझे साइंस फील्ड में भविष्य बनाना है। अब पीसीएम लकर पढ़ाई करूंगी। मुझे फ्रेंच और आईटी में 100 में से 100 अंक मिले हैं। तनाव लेकर पढ़ाई करने से स्कोर बढऩे की बजाए और कम हो जाता है, इसलिए आत्मविश्वास से पढ़ाई करें।

जीवन में सफल होने के लिए सिर्फ टॉपर होना ही जरूरी नहीं— इधर कॅरियर काउंसलर सोनम छतवानी का कहना है कि मार्कशीट के नंबर आखिरी नहीं है। जीवन इससे आगे कहानी की है, कम नंबर आए हैं तो भी उसका आनंद लीजिए क्योंकि ज्यादा नंबर जीवन का आनंद छीन लेते हैं। जीवन में सफल होने के लिए सिर्फ टॉपर होना ही जरूरी नहीं है।