
Christmas Special : इस समय क्रिसमस का उत्साह चारों ओर फैला हुआ है। चर्चों से लेकर घरों तक तैयारियां जोरों पर हैं। राजधानी के सबसे पुराने और ऐतिहासिक सेंट फ्रांसिस चर्च(Christmas Special) को इस साल 149 साल पूरे हो गए हैं। यह चर्च न केवल भोपाल के धार्मिक इतिहास का हिस्सा है, बल्कि शहर के सबसे पुराने कैथोलिक चर्च के रूप में भी पहचाना जाता है। इस चर्च का निर्माण 1875 में हुआ था, और यह आज भी अपने पुराने स्वरूप में मौजूद है।
खास बात यह है कि इसे पुरातत्व विभाग ने धरोहर के रूप में संरक्षित किया है, जिससे इसकी ऐतिहासिक महत्व और बढ़ जाती है। भोपाल में वर्तमान में 16 कैथोलिक चर्च हैं, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। इनमें संत हिरदाराम नगर, कोलार, ईदगाह हिल्स, भेल, बरखेड़ा और अन्य स्थानों पर बने चर्च शामिल हैं।
क्रिश्चियन रिलीजियस सोसायटी की ओर से माता हर्षवर्धन नगर स्थित चर्च में भी खास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस चर्च में एक विशाल 25 फीट लंबा क्रिसमस ट्री सजाया जाएगा, जिसे रंग-बिरंगी लाइटों से विशेष तौर पर रोशन किया जाएगा। यह ट्री न केवल सजावट का हिस्सा होगा, बल्कि क्रिसमस के पर्व के महत्व को भी दर्शाएगा।
यह चर्च(Christmas Special) जहांगीराबाद के जिंसी चौराहा के पास स्थित है और इसे रियासत भोपाल की आठवीं शासिका सिकंदरजहां बेगम के आदेश पर बनवाया था। चर्च के निर्माण की जिम्मेदारी राजकुमारी इसाबेला ने ली, और निर्माण कार्य की देखरेख फादर बर्नार्ड पिस्टोइया ने की थी। चर्च की ऐतिहासिकता महत्वता के कारण सरकार इसे वार्षिक अनुदान भी देती है।
राजधानी के महात्मा गांधी चौराहे पर स्थित सेंट जोसेफ कैथोलिक चर्च भी श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख है। यह चर्च शांतिप्रिय वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। क्रिसमस पर इसे दुल्हन की तरह सजाया जाता है और सैकड़ों की संख्या में लोग प्रार्थना के लिए आते हैं।
अशोका गार्डन स्थित शेरोन फेलोशिप चर्च को भी विशेष रूप से सजाया गया है। इसकी स्थापना पादरी पीजे थॉमस ने की थी और यह चर्च सिर्फ पूजा-अर्चना का स्थान नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक धार्मिक व मानवीय आधार बनाने में भी काम करता है। देश में इसकी 2000 से अधिक शाखाएं हैं।
Published on:
24 Dec 2024 11:54 am
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