
लोकसभा चुनाव 2024 ( Lok Sabha Election 2024 ) की आचार संहिता ( Code of conduct ) हटने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) अपने नए अवतार में नजर आने वाले हैं। सीएम ने मध्य प्रदेश के सभी जिलों के गांवों में औचक निरीक्षण करने का मन बना लिया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने इस औचक निरीक्षण के दौरान किसी भी क्षेत्र में अधिकारी की गलती मिलने पर ऑन द स्पॉट कार्रवाई करते भी नजर आएंगे।
माना जा रहा है कि, मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके के अधिकारी को तत्काल सस्पेंड तक किया जा सकता है। सीएम मोहन यादव की प्लानिंग को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए हर जिले के अंतर्गत आने वाले तीन-तीन ब्लॉकों में हेलीपैड बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने पीडब्ल्यूडी को एक अस्थायी और दूसरा स्थायी हेलीपैड का प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा है। अस्थायी हेलीपैड का निर्माण 25 से 35 हजार मीटर में किया जाएगा। जबकि स्थायी हेलीपैड 30 मीटर के दायरे में बनकर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय से मिले पत्र के बाद पीडब्ल्यूडी ने भी काम शुरू कर दिया है। पीडब्ल्यूडी का मैदानी अमला हेलीपैड बनाए जाने के लिए सभी जिलों के लिए रवाना हो चुका है। साथ ही हेलीपेड निर्माण के लिए जगह तलाशी जा रही है।
आपको बता दें कि, औचक निरीक्षण का प्रयोग करने का फैसला किसी मध्य प्रदेश किसी मुख्यमंत्री द्वारा पहली बार लिया फैसला नहीं, बल्कि इससे पहले भी दो पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा ये फैसला लिया जा चुका है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी अचानक किसी भी जिले के गांव के दौरे पर निकल पड़ते थे। अब पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों की राह पर सीएम मोहन यादव भी चलने जा रहे हैं। औचक निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री जमीनी वास्तविकताओं से रूबरू होंगे। फिलहाल, इन दौरों की मंशा ये है कि इनके जरिये मुख्यमंत्री मोहन यादव अचानक से किसी भी गांव पहुंचेंगे और शिकायत मिलने पर जिम्मेदारों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेंगे।
Updated on:
30 May 2024 10:32 am
Published on:
30 May 2024 09:44 am
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