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सीएम के सपने पर भारी पड़ी इस अफसर की जरा सी लारवाही, अब करना पड़ रहा ये काम

पौधरोपण का महाअभियान गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में अब तक जगह नहीं बना सका है। जानें आखिर कहां हो गई चूक...

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भोपाल। प्रदेश में सबसे ज्यादा पौधरोपण कर दुनिया भर में एक रिकॉर्ड कायम करने की सीएम की मनशा पर एक अफसर की जरा सी लापरवाही के कारण फिलहाल पानी फिर गया है। यानी पौधरोपण का महाअभियान गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में अब तक जगह नहीं बना सका है। जानें आखिर कहां हो गई चूक...

सीएम ने आयोजित किया था महाअभियान

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशभर में एक ही दिन में 6 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य तय कर पौधरोपण महाअभियान कार्यक्रम आयोजित किया था। उनके साथ सरकारी अफसर, कर्मचारी और यहां तक की हजारों मप्र के लोगों ने इस महाअभियान में भाग लिया था।

सोचा था बनाएंगे विश्व रिकॉर्ड

* सीएम का सपना था कि एक दिन में इतने पौधे दुनिया के किसी हिस्से में नहीं रोपे गए।
* मप्र का ये पौधरोपण महाअभियान संपन्न होगा तो दुनिया भर में एक दिन में सबसे ज्यादा पौधे रोपने वाला पहला राज्य बन जाएगा।
* गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में अपने राज्य का नाम दर्ज कराने का सपना देखकर सीएम का यह सपना तो पूरा हो गया कि मप्र में एक ही दिन में 6 करोड़ पौधे रोप दिए गए।

इस चूक से वल्र्ड रिकॉर्ड में देरी

* हुआ ये कि वन विभाग ने गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के साल 2017 के फॉर्मेट के बजाय 2014 के फॉर्मेट में जानकारी जुटाई थी।
* डेढ़ महीने की मशक्कत के बाद जिले के अफसरों ने वन मुख्यालय को तय फॉर्मेट में जानकारी भेज दी।
* तब तक 'गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड' संस्था ने नया फॉर्मेट भेज दिया।
* ऐसे में अफसरों ने पुराने फॉर्मेट में आई जानकारी को अमान्य कर दिया।
*अब विभाग ने एक बार फिर नए सिरे पौधरोपण के महाअभियान की नए फॉर्मेट में जानकारी मांगी है।

अब दिसंबर तक भेजा जाएगा रिकॉर्ड

एक दिन में 6 करोड़ पौधे रोपकर विश्व रिकॉर्ड के लिए अब वन विभाग फिर से नए फॉर्मेट में जानकारी जुटा रहा है। सभी जिलों से इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद अब दिसंबर तक सारा डाटा वल्र्ड रिकॉर्ड के लिए भेजा जा सकेगा।